दिल्ली एयरपोर्ट पर सिस्टम क्रैश से पहले कई बार मिली थी चेतावनी, जानें क्या था असली कारण

दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर सिस्टम क्रैश से सैकड़ों उड़ानें देरी से हुईं. महीनों पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड और संसदीय समिति ने पुरानी तकनीक की चेतावनी दी थी. क्या यह हादसा टाला जा सकता था.

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Courtesy: X (@wingXaviation)

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इस हफ्ते की शुरुआत में एक बड़ा सिस्टम क्रैश हुआ. इससे सैकड़ों उड़ानें देरी से चलीं. लोग परेशान हुए और यात्रा योजनाएं बिगड़ गईं. सवाल यह है कि क्या यह समस्या पहले से रोकी जा सकती थी. कई महीनों पहले चेतावनियां दी गई थीं. लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया. अब यह घटना सबके सामने है.

एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने महीनों पहले अधिकारियों को पुरानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल तकनीक के बारे में बताया था. खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे व्यस्त हवाई अड्डों पर सिस्टम में गिरावट आ रही थी. गिल्ड ने कहा कि इससे सुरक्षा और कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि नेविगेशन सिस्टम की नियमित जांच होनी चाहिए. इन्हें विश्व स्तर के मानकों तक अपग्रेड करना जरूरी है.

पहले भी मिली थी चेतावनी 

गिल्ड ने लिखा था कि भारत के सिस्टम को यूरोकंट्रोल और FAA जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप होना चाहिए. जो पूर्वानुमान लगाने वाले उपकरणों. AI-सक्षम संघर्ष पहचान और रीयल-टाइम डेटा साझाकरण पर जोर देते हैं. यह चेतावनी स्पष्ट थी. लेकिन अमल नहीं हुआ. परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने भी चेतावनी दी थी. दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े हवाई अड्डों पर स्वचालन प्रणालियां गिरावट. सुस्ती और सिस्टम लैग का शिकार हो रही हैं. इससे सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. 20 अगस्त 2025 को पेश अपनी 380वीं रिपोर्ट में समिति ने कहा कि भारतीय विमानन प्रणाली यातायात की जटिलता की डिजिटल युग की समस्या को ऐसे उपकरणों से हल करने का प्रयास कर रही है जो लगातार पुराने होते जा रहे हैं.

दिल्ली एयरपोर्ट पर क्या हुआ?

दिल्ली हवाई अड्डे पर शुक्रवार सुबह करीब सवा पांच बजे स्वचालित संदेश स्विचिंग सिस्टम में गड़बड़ी शुरू हुई. यह सिस्टम उड़ान योजना प्रक्रिया को संभालता है. समस्या पंद्रह घंटे से ज्यादा चली. इससे आठ सौ से अधिक उड़ानें लेट हो गईं. यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने रात नौ बजे बताया कि समस्या ठीक हो गई है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि शनिवार दोपहर तक सिस्टम पूरी तरह स्वचालित हो गया. शनिवार को कोई उड़ान रद्द नहीं हुई. लेकिन पहले दिन का नुकसान बड़ा था.

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