दिल्लीवासी हो जाओ सावधान! हवा में घुल गया जहर, अब सांस लेना भी मुश्किल

दिल्ली की हवा इस मौसम में सबसे खराब हो गई है, सूचकांक 387 तक पहुंचा. प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सख्त कदम नहीं उठाए. मुख्यमंत्री ने लोगों से कारपूल और घर से काम करने की अपील की. विशेषज्ञों ने कहा कि उपाय कमजोर हैं. मौसम में बदलाव नहीं हुआ इसलिए प्रदूषण बढ़ा.

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Courtesy: X (@TruthAdvocator)

दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार शाम को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई. प्रति घंटा औसत सूचकांक रात ग्यारह बजे तीन सौ सतासी पर पहुंच गया. जो की लगभग गंभीर स्तर तक पहुंचने के करीब है. हालांकि इसके बाद भी अभी तक प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए जिम्मेदार आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कड़े आपातकालीन उपाय लागू नहीं किए है.  

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार शाम चार बजे तीन सौ बाईस से लगातार बिगड़ता हुआ शनिवार शाम चार बजे तक तीन सौ इकसठ हो गया. उनतीस एक्यूआई निगरानी केंद्रों में से इक्कीस ने प्रकाशन के समय गंभीर रीडिंग दर्ज की.  

आयोग की निष्क्रियता पर सवाल  

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को लागू करने के लिए जिम्मेदार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक्यूआई के तीन सौ पचास को पार करने के बावजूद कोई बैठक नहीं बुलाई है और न ही चरण तीन प्रतिबंधों के लागू होने की घोषणा की. वह सीमा जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिसंबर में कड़े प्रतिबंधों का आदेश दिया था. शनिवार को जैसे जैसे धूसर धुंध और तीखी गंध बढ़ती गई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निवासियों से कारपूल करने की अपील की.

सार्वजनिक परिवहन का अधिक बार उपयोग करने और निजी संस्थानों को घर से काम करने की व्यवस्था करने के लिए प्रोत्साहित किया. वायु गुणवत्ता में गिरावट मुख्यतः स्थानीय उत्सर्जन के कारण हुई. आयोग के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली ने अनुमान लगाया कि पंजाब और हरियाणा जैसे हवा की दिशा वाले राज्यों में खेतों में लगी आग का योगदान आठ दशमलव चौंसठ प्रतिशत है.  

मुख्यमंत्री ने उठाए सख्त कदम

मुख्यमंत्री गुप्ता ने शुक्रवार को पंद्रह नवंबर से सरकारी और नगर निगम कार्यालयों के लिए सर्दियों में कार्यालय समय में बदलाव की घोषणा की. ताकि व्यस्त समय में यातायात कम किया जा सके और प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके. दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह दस बजे से शाम साढ़े छह बजे तक और नगर निगम कार्यालय सुबह साढ़े आठ बजे से शाम पांच बजे तक काम करेंगे. जिसका उद्देश्य राजधानी के सबसे प्रदूषित सर्दियों के महीनों में भीड़भाड़ कम करना है.  

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