ECI Press Conference: चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा आज 3 बजे प्रेस कॉन्फेंस का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार की SIR प्रक्रिया में पक्षपात के विपक्ष के आरोप को खारिज किया.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि संविधान के मुताबिक 18 साल से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराना होगा. जिसके बाद वे अपने मताधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं. चुनाव आयोग की ओर से यह साफ कहा गया कि उनके लिए न तो कोई विपक्ष है न ही कोई सत्ताधारी दल, उनके लिए सब बराबर है. उन्होंने यह दावा किया कि आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेराफेरी की जा रही है. उनका दावा है कि एसआईआर अभियान के तहत मतदाताओं के नाम जोड़े और हटाए जा रहे हैं, जिससे चुनाव में धांधली हो सकती है. जवाब में, ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में सुधार की मांग की थी. इसके लिए 1.6 लाख बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) ने मिलकर मसौदा सूची तैयार की है. उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ दल सत्यापित दस्तावेजों को नजरअंदाज कर भ्रम फैला रहे हैं.
चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता.बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाताओं का समर्थन उनके साथ है. उन्होंने विपक्ष पर मतदाताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया. कुमार ने कहा कि अगर मतदाता सूची में त्रुटियां समय पर ठीक नहीं की जातीं और 'वोट चोरी' जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह संविधान का अपमान है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ मतदाताओं की तस्वीरें बिना सहमति के मीडिया में दिखाई गईं, जो गलत है.
ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग किसी भी झूठे आरोप से डरता नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया, लेकिन सबूत मांगे जाने पर कोई जवाब नहीं मिला. आयोग ने सभी वर्गों और धर्मों के मतदाताओं के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाया.कुमार ने कहा कि हम न सत्ता पक्ष के साथ हैं, न विपक्ष के.हम सिर्फ मतदाताओं के साथ हैं. राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि कर्नाटक में कांग्रेस को 16 लोकसभा सीटें मिलनी चाहिए थीं, लेकिन उसे केवल नौ मिलीं.