Northeast Flood Situation: पूर्वी राज्यों में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. मूसलाधार बारिश की वजह से सोमवार तक 36 लोगों की जान ले ली. वहीं लगभग 6 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. जिनकी मदद के लिए कई टीम काम कर रही है.
असम में बाढ़ ने 22 जिलों में तबाही मचाई है. जिसके कारण 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. राज्य की कई सारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लखीमपुर का दौरा कर राहत का भरोसा दिया. उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा से गुवाहाटी में मुलाकात की. दोनों ने असम-मेघालय सीमा विवाद, बिजली-सिंचाई परियोजना और शहरी बाढ़ पर चर्चा की. गुवाहाटी के जलभराव के लिए मेघालय की पहाड़ी कटाई को जिम्मेदार ठहराया गया. दोनों सरकारें NESAC के साथ मिलकर उपग्रह अध्ययन करेंगी.
सिक्किम के मंगन जिले में भूस्खलन ने तीन सैनिकों की जान ले ली, वहीं नौ लोग अभी भी लापता हैं. बचाव दल कठिन हालात में काम कर रहे हैं. पंद्रह सौ से ज्यादा पर्यटकों को निकाला गया, लेकिन 100 लोग अभी भी लाचेन में फंसे हैं. भारी बारिश ने सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचाया. तीस्ता नदी का जलस्तर 35-40 फीट बढ़ गया. बीआरओ ने बचाव और बहाली शुरू की है. पर्यटन विभाग ने यात्रियों से मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है. मणिपुर की बात करें तो 19 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इंफाल नदी के तटबंध टूटने से जलभराव बढ़ गया. तीन हजार से भी ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए है. हालांकि इनकी मदद के लिए 31 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. सेना, एनडीआरएफ और अन्य टीमें बचाव में जुटी हैं.
अरुणाचल में बाढ़ और भूस्खलन से 10 लोगों की मौत हो गई. राज्या के 23 जिलों के 156 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं. कईं नदियां उफान पर हैं, राज्यपाल केटी परनायक ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है. भूस्खलन ने कई जिलों में यातायात ठप कर दिया. त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति सुधर रही है. नदियों का जलस्तर कम हुआ है. फिर भी दस हजार से ज्यादा लोग 66 राहत शिविरों में हैं. पश्चिम त्रिपुरा में सबसे ज्यादा शिविर हैं. मिजोरम में भूस्खलन से 212 सड़कें बंद हैं. पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन म्यांमार शरणार्थी शामिल हैं. जेपी नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए पीएम केयर्स फंड से मदद की मांग की. सभी राज्य सरकारें राहत और बचाव में जुटी हैं.
Northeast Flood Situation: पूर्वी राज्यों में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. मूसलाधार बारिश की वजह से सोमवार तक 36 लोगों की जान ले ली. वहीं लगभग 6 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. जिनकी मदद के लिए कई टीम काम कर रही है.
असम में बाढ़ ने 22 जिलों में तबाही मचाई है. जिसके कारण 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. राज्य की कई सारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लखीमपुर का दौरा कर राहत का भरोसा दिया. उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा से गुवाहाटी में मुलाकात की. दोनों ने असम-मेघालय सीमा विवाद, बिजली-सिंचाई परियोजना और शहरी बाढ़ पर चर्चा की. गुवाहाटी के जलभराव के लिए मेघालय की पहाड़ी कटाई को जिम्मेदार ठहराया गया. दोनों सरकारें NESAC के साथ मिलकर उपग्रह अध्ययन करेंगी.
सिक्किम के मंगन जिले में भूस्खलन ने तीन सैनिकों की जान ले ली, वहीं नौ लोग अभी भी लापता हैं. बचाव दल कठिन हालात में काम कर रहे हैं. पंद्रह सौ से ज्यादा पर्यटकों को निकाला गया, लेकिन 100 लोग अभी भी लाचेन में फंसे हैं. भारी बारिश ने सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचाया. तीस्ता नदी का जलस्तर 35-40 फीट बढ़ गया. बीआरओ ने बचाव और बहाली शुरू की है. पर्यटन विभाग ने यात्रियों से मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है. मणिपुर की बात करें तो 19 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इंफाल नदी के तटबंध टूटने से जलभराव बढ़ गया. तीन हजार से भी ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए है. हालांकि इनकी मदद के लिए 31 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. सेना, एनडीआरएफ और अन्य टीमें बचाव में जुटी हैं.
अरुणाचल में बाढ़ और भूस्खलन से 10 लोगों की मौत हो गई. राज्या के 23 जिलों के 156 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं. कईं नदियां उफान पर हैं, राज्यपाल केटी परनायक ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है. भूस्खलन ने कई जिलों में यातायात ठप कर दिया. त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति सुधर रही है. नदियों का जलस्तर कम हुआ है. फिर भी दस हजार से ज्यादा लोग 66 राहत शिविरों में हैं. पश्चिम त्रिपुरा में सबसे ज्यादा शिविर हैं. मिजोरम में भूस्खलन से 212 सड़कें बंद हैं. पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन म्यांमार शरणार्थी शामिल हैं. जेपी नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए पीएम केयर्स फंड से मदद की मांग की. सभी राज्य सरकारें राहत और बचाव में जुटी हैं.