महाराष्ट्र में गिलियनबैरे सिंड्रोम के मामलों में वृद्धि, अब तक 130 संदिग्ध मरीज पहुंचे अस्पताल

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब तक 73 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. जबकि दो लोगों की मौत संदिग्ध GBS के कारण हुई है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 130 संदिग्ध मामलों में से 25 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्र से आए हैं. वहीं 74 मरीज पीएमसी के नए जोड़े गए गांवों से, 13 मरीज पिंपरीचिंचवाड़ नगर निगम क्षेत्र से,   9 मरीज पुणे ग्रामीण क्षेत्र से  और 9 मरीज अन्य जिलों में पाए गए हैं. 

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Courtesy: Social Media

Guillain-Barre syndrome Cases: महाराष्ट्र के पुणे और अन्य जिलों में गिलियनबैरे सिंड्रोम (GBS) के संदिग्ध मामलों की संख्या 130 तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब तक 73 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. जबकि दो लोगों की मौत संदिग्ध GBS के कारण हुई है.  

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 130 संदिग्ध मामलों में से 25 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्र से आए हैं. वहीं 74 मरीज पीएमसी के नए जोड़े गए गांवों से, 13 मरीज पिंपरीचिंचवाड़ नगर निगम क्षेत्र से,   9 मरीज पुणे ग्रामीण क्षेत्र से  और 9 मरीज अन्य जिलों में पाए गए हैं. 

स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश

बढ़ते मामले को देखते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को पुणे में जिला योजना समिति की बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि GBS मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई हो. मरीज अधिक फीस के कारण इलाज के वंचित नहीं रहने चाहिए. इसके साथ GBS से संबंधित दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और संभावित दूषित जल स्रोतों की जांच और सुधार के लिए विशेष कदम उठाए जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पुणे और आसपास के इलाकों में GBS का प्रकोप दूषित जल स्रोतों से जुड़ा हो सकता है. दूषित भोजन और पानी में पाए जाने वाले कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया को इस प्रकोप के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. GBS एक दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार है. जो अचानक मांसपेशियों की कमजोरी, सुन्नता और गंभीर अंगों की दुर्बलता का कारण बन सकता है.  

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञ टीम

GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुणे में एक बहुविषयक विशेषज्ञ टीम तैनात की है. यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जमीनी हालात की समीक्षा कर रही है. विशेषज्ञों की टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान बेंगलुरु  और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) पुणे  के विशेषज्ञ शामिल हैं. शहर के विभिन्न हिस्सों से लिए गए जल नमूनों की जांच सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने निजी चिकित्सकों से अपील की है कि यदि उन्हें कोई GBS रोगी मिलता है, तो वे तुरंत संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करें.  स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार इस प्रकोप को रोकने और नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.  

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