Himachal Pradesh Floods: हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को 10 और बादल फटने की घटनाएं सामने आईं. मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. दो और शव मिलने से मरने वालों की संख्या 10 हो गई, कई लोग बाढ़ में बह गए.
मंडी के थुनाग, करसोग, गोहर, धरमपुर और स्याठी जैसे इलाकों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ. ब्यास और सुकेती नदियां उफान पर हैं. करसोग के पुराने बाजार, रिक्की और गोहर के सियांज में घर और दुकानें बह गईं.हालांकि अभी भी रेड अलर्ट जारी है. अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा है. लोगों से सावधानी बरतने और जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की गई.
मानसून ने सड़कों, बिजली और पानी की व्यवस्था को ठप कर दिया. बुधवार सुबह तक 282 सड़कें बंद रहीं. मंडी में 182 और कुल्लू में 37 सड़कें प्रभावित हुईं. 1,361 बिजली ट्रांसफार्मर और 639 जलापूर्ति योजनाएं खराब हो गईं. शिमला में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई. जिसमें लगभग 29 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. 20 जून से शुरू हुए मानसून ने अब तक 51 लोगों की जान ली. सैकड़ो लोग घायल हुए और 22 लोग लापता हैं. मंडी में सबसे ज्यादा 10 मौतें और 34 लापता मामले दर्ज हुए. बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने और सड़क हादसों ने तबाही मचाई.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) राहत कार्यों में जुटे हैं. आपातकालीन शिविर बनाए गए हैं. टेंट, कंबल और भोजन वितरित किए जा रहे हैं. करसोग में 25 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. गोहर में फंसे छह में से चार लोगों को बचाया गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू आज लौंगानी और धरमपुर के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे. वे प्रभावित परिवारों से मिलेंगे. दोपहर 2:30 बजे वे सोलन जाएँगे. सुखू ने नुकसान पर दुख जताया और प्रशासन को तुरंत मदद देने के निर्देश दिए. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बगलामुखी रोपवे से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. उन्होंने सैटेलाइट फोन से थुनाग के एसडीएम से बात की, क्योंकि संचार सेवाएं ठप हैं. ठाकुर ने फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने और भोजन की व्यवस्था करने को कहा.