New Delhi: अगर आप भी दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं तो ये खबर आपकी लिए है. दिल्ली यातायात की लाइफलाइन मानी जाने वाली दिल्ली मेट्रो में चोरी की घटना अब पुलिस के लिए सरदर्द बन गई है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली मेट्रो परिसर में चोरी करने वाली महिलाओं की संख्या में पिछले साल की तुलना में इस साल बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों की मानें तो, पिछले साल दिल्ली मेट्रो में चोरी करने वाली महिलाओं की संख्या 44 थी, जो इस साल बढ़ कर 83 हो गई है. ये महिलायें चोरी करने में इतनी माहिर होती हैं कि पल भर में ही यात्री का सामान गायब कर देती हैं.
4-8 महिलाओं का ग्रुप चोरी करने के लिए यात्रियों को उनका सामान देख कर टारगेट करते हैं. उनका निशाना ज्यादातर कैश और जुलरी होता है. एक बार टारगेट फिक्स करने के बाद चोर महिलाओं का ग्रुप टारगेट के आस-पास ही मंडराते रहते हैं और उनका ध्यान भटकाते हैं.
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल अब तक दिल्ली मेट्रो में चोरी के आरोप में 77 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है जबकि पिछले साल ये संख्या 38 थी. इसके साथ ही इस साल दिल्ली मेट्रो में 4,600 से ज्यादा चोरियों की रिपोर्ट दर्ज की गई थी जबकि पिछले साल चोरी के 2,700 मामले आए थे.
पुलिस ने दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले लोगों से सतर्कता बरतने को कहते हुए ये भी बताया कि किस तरह ये सक्रिय महिला चोर गैंग चोरी के घटना को अंजाम देते हैं. सबसे ज्यादा चोरी की घटना तब होती है, जब यात्री मेट्रो में चढ़ या उतर रहे होते हैं. इसके अलावा जब यात्री मेट्रो लाइन बदलते हैं उस समय भी काफी भीड़ होती है और चोर इसी भीड़भाड़ का फायदा उठाते हैं. यात्री के सामान को देख कर टारगेट करने के बाद चोर यात्री के आस पास ही रहते हैं और उनका ध्यान भटकाते हैं. इसी दौरान गैंग की दूसरी महिला यात्री का सामान खोलकर उसमें रखे पर्स और ज्वैलरी लेकर गायब हो जाती हैं.
चोरनियों का गैंग सुबह 11 बजे मेट्रो में चढ़ जाता है और तब तक ट्रेन बदलते रहती हैं जबतक उनका शिकार नहीं मिल जाता है. उनकी तलाश शाम के 5 बजे तक जारी रहती है. दिन में एक से दो चोरी करने वाले इस गैंग में नए चेहरों की भी भर्ती होती रहती है. सुबह-सुबह सज-धज के ये महिलायें किसी आम यात्री की तरह ही मेट्रो में सवार होती हैं लेकिन टारगेट देखते ही ये रुपये-पैसे और गहने लेकर फरार हो जाती हैं. सबसे ज्यादा मेट्रो रूट पर लाइन बदलने वाले या दूसरे रूट की मेट्रो पकड़ने वाले यात्री इनका शिकार होते हैं. इसके साथ ही पुलिस के अनुसार ब्लू लाइन मेट्रो में ये गैंग सबसे ज्यादा सक्रिय है.