Qatar: गुरुवार 28 दिसम्बर को भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता देखने को मिली. कतर में फांसी की सजा पाए 8 पूर्व नौसैनिकों को राहत मिल गई है. कतर सरकार ने उनकी मौत की सजा पर रोक लगा दी है. इसकी जानकारी देते हुए भारत सरकार ने कहा कि सरकार सभी पूर्वसैनिकों के परिवार के साथ हमेशा खड़ी है. इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है.
कतर में मौत की सजा पाए पूर्वसैनिकों को मिली राहत को भारत सरकार की बड़ी राजनीतिक और कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है. इससे पहले दुबई में हुए कोप 28 से सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ 1 दिसंबर को मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और शेख तमीम की मुलाकात के बाद ही पूर्व नौसैनिकों की सजा पर रोक लगाई गई है. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओ के बीच भारतीय समुदाय के कल्याण को लेकर चर्चा हुई थी.
"We have noted the verdict today of the Court of Appeal of Qatar in the Dahra Global case, in which the sentences have been reduced...The detailed judgement is awaited....Our Ambassador to Qatar and other officials were present in the Court of Appeal today, along with the family… pic.twitter.com/ysjVhbisaK
— ANI (@ANI) December 28, 2023
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी कर जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो कोर्ट ऑफ अपील के विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके साथ ही वो पूर्व नौसैनिकों के परिवार के साथ भी संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि "दहरा ग्लोबल केस में गिरफ्तार पूर्वनौसैनिकों को लेकर आज आए उस फैसले पर हमने गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई है. इसके बाद हम कोर्ट ऑफ अपील के विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा हमारा अगला कदम क्या होगा, इस पर भी निर्णय लेने के साथ ही हम कानूनी टीम के साथ ही परिवार के सदस्यों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं".
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि "कतर में आज अपील के दौरान भरतिए राजदूत के साथ ही सजा पाने वाले सैनिकों के परिवार वाले भी मौजूद थे". विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि इस मामले की शुरुआत से ही हम उनके साथ खड़े हैं और आगे भी उन्हें कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे.
पूर्व सैनिकों की मौत की सजा पर लगी रोक के बाद भारत में हर तरफ खुशी का माहौल है. भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने भी इस पर खुशी जाहिर की थी. इसके साथ ही नौसेना के पूर्व प्रवक्ता डीके शर्मा ने कहा कि ये अच्छी खबर है, लेकिन सिर्फ पहला कदम है. हमारा लक्ष्य आठों भारतीयों को देश वापसी होना चाहिए. ऐसी ही हम उम्मीद कर रहे हैं.
कतर में सजा पाए सभी पूर्व भारतीय नौसैनिक कतर की अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी में काम करते थे. इन सभी को अगस्त में जासूसी के मामले में कतर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वहाँ की अदालत ने सभी पूर्व नौसैनिकों को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि कतर ने आरोपों को लेकर अधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा था.