'सिंदूर की लाली शौर्य की कहानी है...', लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में बोले राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी. यह भारत की एकता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है. उन्होंने सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने देश के लिए बलिदान दिया.

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Courtesy: Social Media

Rajnath Singh in Monsoon Session 2025: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा शुरू हो गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 6 और 7 मई 2025 को चलाया गया.

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी. यह भारत की एकता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है. उन्होंने सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने देश के लिए बलिदान दिया. मैं उन्हें नमन करता हूं. उन्होंने सशस्त्र बलों का आभार जताया.  

ऑपरेशन सिंदूर का महत्व  

ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई थी. पहलगाम में हुए हमले ने देश को झकझोर दिया था. इस अभियान में सुरक्षा बलों ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. यह भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा था. ऑपरेशन ने दुनिया को भारत की सैन्य ताकत के बारे में बताया. लोकसभा ने इस मुद्दे पर 16 घंटे की चर्चा तय की है. इसे "सशक्त और सफल" अभियान बताया गया. गृह मंत्री और विदेश मंत्री बहस में हिस्सा लेंगे. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं. यह चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति पर केंद्रित होगी.  

राज्यसभा में भी होगी बहस  

राज्यसभा में भी बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी. इसके लिए 16 घंटे का समय रखा गया है. यह बहस आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को उजागर करेगी. विपक्ष सरकार से हमले की जांच और कूटनीतिक कदमों पर सवाल पूछ सकता है. राजनाथ सिंह ने देश की सेना की बहादुरी की सराहना की. उन्होंने कहा कि सैनिक हर पल देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं. ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों ने मुश्किल हालात में भी साहस दिखाया. यह अभियान भारत की एकता को मजबूत करता है. विपक्ष ने इस चर्चा की मांग की थी. वह सरकार से आतंकियों की पहचान और जांच की प्रगति पर जवाब मांग सकता है. यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा पर एकजुटता दिखाने का मौका है. जनता इस चर्चा के नतीजों पर नजर रखे हुए है. 

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