दिल्ली में गुरुवार सुबह वायु प्रदूषण का स्तर काफी खराब हो गया. वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 352 दर्ज किया गया. यह बेहद खराब श्रेणी में आता है. लोग सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं.
धुंध की मोटी चादर की वजह से दृश्यता कम हो गई है. वाहन चलाने वालों को मुश्किल हो रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि बाहर निकलते समय मास्क पहनें. प्रदूषण से बचने के लिए घर में रहें.
दिल्ली में बुधवार को औसत AQI 279 था जो खराब श्रेणी में था. मंगलवार से यह 15 अंक कम हुआ था. फिर भी सुधार बहुत कम है. कई हिस्सों में प्रदूषण ऊंचा बना हुआ है. सरकार ने ट्रक माउंटेड स्प्रिंकलर तैनात किए हैं. ये पानी छिड़क कर धूल कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी के आंकड़े फिर से सवालों में हैं. न तो सीपीसीबी और न ही भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने स्पष्ट किया कि बुधवार का कोहरा धुंध था या स्मॉग. प्रदूषण था या सिर्फ धुंध. देर रात तक कोई जवाब नहीं आया. इससे लोगों में भ्रम बढ़ गया है. बुधवार को AQI 279 था जो खराब माना जाता है. मंगलवार को यह 294 था. थोड़ा सुधार हुआ लेकिन पर्याप्त नहीं. दिल्ली के कई इलाकों में हवा अभी भी जहरीली है. विशेषज्ञ कहते हैं कि सही आंकड़े जरूरी हैं ताकि सही कदम उठाए जा सकें.
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग कर रही है. इससे कृत्रिम बारिश कराई जाती है. मंगलवार को पहला प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं हुआ. इससे चिंता बढ़ गई और राजनीतिक बहस शुरू हो गई. आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर बुराड़ी मयूर विहार उत्तरी करोल बाग और बादली में परीक्षण हुए.
सरकार की रिपोर्ट में कहा गया कि परीक्षण स्थलों पर पार्टिकुलेट मैटर कम हुआ. लेकिन मौसम की स्थिति ठीक नहीं थी. आईएमडी के अनुसार नमी का स्तर 10 से 15 प्रतिशत कम था. क्लाउड सीडिंग के लिए यह अनुकूल नहीं है. देर शाम तक दिल्ली में कोई बारिश नहीं हुई. इससे प्रयास बेकार गया.