युद्ध विराम के बाद सुरक्षा रणनीति पर आज होगी चर्चा, पीएम मोदी की अध्यक्षता में पहलगाम हमले के बाद तीसरी सीसीएस बैठक

पीएम मोदी आज यानी बुधवार को सीसीएस की बैठक करने वाले हैं. यह महत्वपूर्ण बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारतीय सेना के जवाबी 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सुरक्षा स्थिति संवेदनशील बनी हुई है. इस बैठक पर पूरे देश की नजर है. 

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Courtesy: Social Media

PM Modi to Chair Cabinet Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए युद्ध विराम समझौते के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल और सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल की बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी, जिसके बाद उच्च स्तरीय सीसीएस बैठक आयोजित की जाएगी. 

सीसीएस की महत्वपूर्ण बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारतीय सेना के जवाबी 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सुरक्षा स्थिति संवेदनशील बनी हुई है. इस बैठक पर पूरे देश की नजर है. 

बैठक में बड़े निर्णय संभव 

सीसीएस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों पहलगाम हमले की जांच और युद्ध विराम के संदर्भ में सीमा सुरक्षा की समीक्षा पर चर्चा होगी. इसके अलावा भारत की भावी रणनीति और संभावित सुरक्षा खतरों पर भी बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं. मंत्रिमंडल की बैठक में सभी केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेंगे, जबकि सीसीएस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल होंगे. इस बैठक में रक्षा, गृह और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ताजा खुफिया जानकारी और अपडेट पेश करेंगे. 

पहलगाम हमले के बाद तीसरी सीसीएस बैठक

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद यह तीसरी सीसीएस बैठक है. पहली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी, जिसमें हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला लिया गया. दूसरी बैठक 30 अप्रैल को पीएम आवास पर हुई, जिसमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की गई. इसके बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना ने मिलकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. आज की बैठक में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की मौजूदा स्थिति, भविष्य के खतरों और भारत के कूटनीतिक व सैन्य कदमों पर विचार-विमर्श होगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस चर्चा में शामिल हो सकते हैं. यह बैठक भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम मानी जा रही है. 

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