Sharmishta Panoli: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी. यह जमानत ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक विवादित वीडियो मामले में मिली. कोलकाता की एक अदालत ने उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा था.
अदालत ने जमानत के लिए सख्त शर्तें रखीं. पनोली को 10 हजार रुपये का जमानत बांड जमा करने का आदेश दिया गया है. उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना देश छोड़ने की मनाही है. इसके अलावा कोलकाता पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. पनोली ने गिरफ्तारी से पहले अपनी सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी.
शर्मिष्ठा पनोली ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक इंस्टाग्राम वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में उनके कथित टिप्पणियों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई. वीडियो ने व्यापक आक्रोश पैदा किया, जिसके बाद कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. पनोली ने वीडियो हटा लिया और माफी मांगी, लेकिन तब तक कई शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं. शर्मिष्ठा के पिता पृथ्वीराज पनोली ने पुलिस के दावों का खंडन किया. पुलिस ने कहा था कि शर्मिष्ठा फरार थीं. पृथ्वीराज ने बताया कि वह और उनकी बेटी कोलकाता पुलिस मुख्यालय गए थे. वे आनंदपुर पुलिस स्टेशन भी पहुंचे. फिर भी पुलिस ने उन्हें फरार घोषित किया और गिरफ्तारी वारंट लिया.
हाईकोर्ट ने पनोली की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस पार्थसारथी चटर्जी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. अदालत ने भारत की विविधता का हवाला देते हुए सतर्कता बरतने की बात कही. गुरुवार को मामले की फिर सुनवाई हुई, जिसमें जमानत मंजूर हुई. पनोली के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुई थीं. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी एफआईआर को एक मामले में जोड़ा जाए. इसकी जांच कोलकाता में होगी. अदालत ने यह भी कहा कि उसी मामले के लिए नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी. यह फैसला पनोली के लिए राहत भरा रहा. पनोली के वकील ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया. उन्होंने कहा कि शर्मिष्ठा को स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जैसे ADHD और किडनी की दिक्कत. वकील ने हिरासत में चिकित्सा और बुनियादी सुविधाएं देने की मांग की थी. अदालत ने इन चिंताओं को गंभीरता से लिया.
Sharmishta Panoli: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी. यह जमानत ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक विवादित वीडियो मामले में मिली. कोलकाता की एक अदालत ने उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा था.
अदालत ने जमानत के लिए सख्त शर्तें रखीं. पनोली को 10 हजार रुपये का जमानत बांड जमा करने का आदेश दिया गया है. उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना देश छोड़ने की मनाही है. इसके अलावा कोलकाता पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. पनोली ने गिरफ्तारी से पहले अपनी सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी.
शर्मिष्ठा पनोली ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक इंस्टाग्राम वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में उनके कथित टिप्पणियों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई. वीडियो ने व्यापक आक्रोश पैदा किया, जिसके बाद कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. पनोली ने वीडियो हटा लिया और माफी मांगी, लेकिन तब तक कई शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं. शर्मिष्ठा के पिता पृथ्वीराज पनोली ने पुलिस के दावों का खंडन किया. पुलिस ने कहा था कि शर्मिष्ठा फरार थीं. पृथ्वीराज ने बताया कि वह और उनकी बेटी कोलकाता पुलिस मुख्यालय गए थे. वे आनंदपुर पुलिस स्टेशन भी पहुंचे. फिर भी पुलिस ने उन्हें फरार घोषित किया और गिरफ्तारी वारंट लिया.
हाईकोर्ट ने पनोली की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस पार्थसारथी चटर्जी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. अदालत ने भारत की विविधता का हवाला देते हुए सतर्कता बरतने की बात कही. गुरुवार को मामले की फिर सुनवाई हुई, जिसमें जमानत मंजूर हुई. पनोली के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुई थीं. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी एफआईआर को एक मामले में जोड़ा जाए. इसकी जांच कोलकाता में होगी. अदालत ने यह भी कहा कि उसी मामले के लिए नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी. यह फैसला पनोली के लिए राहत भरा रहा. पनोली के वकील ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया. उन्होंने कहा कि शर्मिष्ठा को स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जैसे ADHD और किडनी की दिक्कत. वकील ने हिरासत में चिकित्सा और बुनियादी सुविधाएं देने की मांग की थी. अदालत ने इन चिंताओं को गंभीरता से लिया.