Delhi High Court on Congress Plea: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को आज एक बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पार्टी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पार्टी से 105 करोड़ रुपए के बकाया कर की वसूली के लिए आयकर मांग नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी. बता दें कि मामले में कांग्रेस ने मार्च में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा बकाया कर की वसूली के लिए जारी मांग नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करने के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हमें आदेशों में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है.
कांग्रेस की तरफ से 8 मार्च को ITAT द्वारा पार्टी के उस आवेदन को खारिज करने के बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उसके खिलाफ वसूली कार्यवाही शुरू करने के लिए आयकर विभाग के 13 फरवरी के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कांग्रेस पार्टी को ITAT में दोबारा अपनी दलील रखने के लिए कहा गया है. फरवरी में, आयकर विभाग ने 2018-19 के लिए 210 करोड़ रुपए की आयकर मांग पर पार्टी के चार मुख्य बैंक खाते जब्त कर लिए थे. इसके बाद पार्टी ने इनकम टैक्स की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया और कहा कि अगर उनके खाते फ्रीज कर दिए गए तो पार्टी बिल और वेतन का भुगतान नहीं कर पाएगी.
कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने 21 फरवरी को आरोप लगाया कि मामले में सुनवाई और फैसला लंबित होने तक, आयकर विभाग ने बैंकों को कांग्रेस, आईवाईसी और एनएसयूआई खातों से 65 करोड़ रुपए से अधिक सरकार को ट्रांसफर करने का आदेश दिया.
वहीं इस मामले में कांग्रेस के वकील ने हाई कोर्ट से विनती की थी कि उन्हें कुछ सुरक्षा दी जाए नहीं तो पार्टी टूट जाएगी. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए अगले कुछ दिनों में अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी काफी दवाब में है क्योंकि उनके बैंक खाते फ्रिज कर दिए गए हैं.