Agni-Prime Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार रात ओडिशा के बालासोर में एकीकृत परीक्षण रेंज से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह उपलब्धि भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है. अधिकारियों ने बताया कि यह परीक्षण सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा. खास बात यह है कि यह मिसाइल रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च की गई, जो भारत को चुनिंदा देशों की श्रेणी में ला खड़ा करता है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर परीक्षण का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि भारत ने रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया. उन्होंने DRDO, सामरिक बल कमान (SFC) और सशस्त्र बलों को बधाई दी. सिंह ने कहा कि यह तकनीक भारत को रणनीतिक रूप से और मजबूत बनाएगी.
यह परीक्षण अपनी तरह का पहला था, जिसमें रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया गया. यह प्रणाली देश के रेलवे नेटवर्क पर स्वतंत्र रूप से चल सकती है. इससे सशस्त्र बलों को कम समय में और कम दृश्यता के साथ मिसाइल लॉन्च करने की सुविधा मिलती है. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह तकनीक भारत को परिचालन लचीलापन प्रदान करती है. यह प्रणाली रेल नेटवर्क के जरिए देश के किसी भी हिस्से में मिसाइल को ले जा सकती है, जिससे रणनीतिक ताकत बढ़ती है.
India has carried out the successful launch of Intermediate Range Agni-Prime Missile from a Rail based Mobile launcher system. This next generation missile is designed to cover a range up to 2000 km and is equipped with various advanced features.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 25, 2025
The first-of-its-kind launch… pic.twitter.com/00GpGSNOeE
अग्नि-प्राइम एक उन्नत मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक है. यह मिसाइल कई आधुनिक तकनीकों से लैस है, जो इसे पहले की अग्नि मिसाइलों से बेहतर बनाती हैं. यह सटीकता, विश्वसनीयता और गतिशीलता में श्रेष्ठ है. अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक का उपयोग भविष्य में अन्य अग्नि मिसाइलों में भी किया जा सकता है. यह भारत की निवारक क्षमता को और मजबूत करेगा. इस सफल परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल कर दिया है, जो रेल-आधारित कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं. यह तकनीक न केवल रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी है, बल्कि यह भारत की सामरिक ताकत को भी बढ़ाती है. रक्षा मंत्री ने इसे खेल-परिवर्तनकारी कदम बताया. इस परीक्षण से भारत की रक्षा तैयारियों को नई दिशा मिलेगी.