Tahawwur Rana: मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा ने पुछताछ के दौरान कई खुलासे किए हैं. मुंबई पुलिस के सूत्रों के अनुसार, राणा ने अपनी पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद ऑपरेटिव था. उसने सऊदी अरब में एक गुप्त मिशन में हिस्सा लिया था. यह जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच और एनआईए की संयुक्त पूछताछ के दौरान सामने आई है.
राणा ने दावा किया कि वह पाकिस्तानी सेना का एक महत्वपूर्ण ऑपरेटिव था. उसने 1986 में रावलपिंडी के आर्मी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वह क्वेटा में कैप्टन (डॉक्टर) के रूप में नियुक्त हुआ. राणा ने सिंध, बलूचिस्तान, बहावलपुर और सियाचिन-बलोतरा जैसे संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों में काम किया. उसने खुलासा किया कि इराक-कुवैत युद्ध के दौरान उसे सऊदी अरब में एक गुप्त मिशन पर भेजा गया था. यह दावा उसके पाकिस्तानी सेना के लिए रणनीतिक महत्व को दर्शाता है.
सूत्रों के मुताबिक राणा ने माना है कि वो अब्दुल रहमान पाशा, साजिद मीर और मेजर इकबाल को अच्छी तरह जानता था. ये सभी पाकिस्तान से जुड़े थे और इस आतंकी हमले में शामिल थे. राणा ने यह भी बताया कि वह हिंदी, अंग्रेजी, अरबी और पश्तो जैसी कई भाषाओं में पारंगत है, जिसने उसे आतंकी गतिविधियों में सहायता प्रदान करने में मदद की. उसने यह भी दावा किया कि मुंबई में इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार उसका था, न कि हेडली का. राणा ने यह भी कहा कि हेडली को भेजे गए पैसे का उपयोग व्यावसायिक खर्चों के लिए था, लेकिन मुंबई कार्यालय में ग्राहकों को आकर्षित करने में कठिनाई हुई.
राणा ने अपने सैन्य करियर के बारे में बताया कि सियाचिन में तैनाती के दौरान उसे फुफ्फुसीय एडिमा हुआ था. इस वजह से वह लंबे समय तक अनुपस्थित रहा, जिसके चलते उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया और सेना से बर्खास्त कर दिया गया. 64 वर्षीय तहव्वुर राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है, डेविड हेडली का करीबी सहयोगी था. हेडली लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख ऑपरेटिव था. राणा पर इस हमले के लिए रसद और धन मुहैया कराने का आरोप है.
26/11 हमले में मुंबई के दो बड़े होटल, एक रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र पर हुए हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे. राणा का भारत प्रत्यर्पण एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद संभव हुआ. 4 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी समीक्षा याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उसे भारत लाया गया. मुंबई पुलिस का कहना है कि राणा को हेडली के अदालती बयानों की पूरी जानकारी है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणा अपनी बातों पर अड़ा हुआ है और उसकी कट्टरपंथी विचारधारा उसके बयानों में झलकती है. मुंबई पुलिस और एनआईए उससे लगातार पूछताछ कर रही है ताकि इस मामले की और गहराई से जांच हो सके.