Nimisha Priya: केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को आखिरी समय में टाल दिया गया. यमन में आज यानी 16 जुलाई को उनकी फांसी होनी थी. लेकिन 15 जुलाई को यमनी प्रशासन ने इसे स्थगित कर दिया. नई तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई. भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने यमनी विद्वानों से बात की थी.
केरल के पलक्कड़ जिले की निमिषा प्रिया को 2020 में यमन निवासी तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया. 2017 में हुई इस घटना में निमिषा ने तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन दिया था. स्थानीय अदालत ने इसे हत्या माना. निमिषा का कहना है कि तलाल ने उसका शारीरिक और आर्थिक शोषण किया. उसने पासपोर्ट वापस पाने के लिए तलाल को बेहोश किया, लेकिन ओवरडोज से उसकी मौत हो गई.
तलाल के परिवार ने सुलह से इनकार किया. उनके भाई अब्देलफत्ताह महदी ने बीबीसी अरबी को बताया कि हम केवल क़िसास चाहते हैं. उनका कहना है कि यह अपराध क्रूर और जघन्य था. परिवार को लंबी कानूनी लड़ाई से भी नुकसान हुआ. वे निमिषा को मौत की सजा से कम कुछ नहीं चाहते. फांसी से पहले नया मोड़ आया. निमिषा के वकील सुभाष चंद्रन ने बताया कि तलाल का भाई पहली बार बातचीत के लिए तैयार हुआ. पूरी रात चली बातचीत के बाद फांसी टाल दी गई.
निमिषा 2008 नर्सिंग की नौकरी के लिए यमन गई थीं. उन्होंने तलाल के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया था. लेकिन तलाल ने उनका पासपोर्ट अपने पास रख लिया. निमिषा ने दावा किया कि वह तलाल के शोषण से तंग थीं. पासपोर्ट वापस पाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया. भारत सरकार और केरल के संगठन निमिषा को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. ग्रैंड मुफ्ती और यमनी विद्वानों के बीच बातचीत हुई. भारत ने यमनी प्रशासन से मानवीय आधार पर हस्तक्षेप की अपील की है. सुलह के लिए ‘ब्लड मनी’ का विकल्प भी खुला है. निमिषा की फाँसी टलने से उनके परिवार को राहत मिली. लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ. तलाल का परिवार सख्त रुख अपनाए हुए है. सुलह की कोशिशें जारी हैं. यह मामला भारत-यमन संबंधों और मानवीय मुद्दों पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है.