दशहरा के बाद होगा बिहार विधानसभा चुनाव के तारीख का ऐलान! घोषणा के साथ लग जाएगा आदर्श आचार संहिता

चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही बिहार में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो जाएगी. इसके तहत नए स्थानांतरण, नियुक्तियां और सरकारी योजनाओं की घोषणाएँ प्रतिबंधित हो जाएंगी. यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है.

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Courtesy: X (@shaandelhite, @AdvPriyan10017)

Bihar Assembly Elections 2025: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बिहार में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों को 6 अक्टूबर तक सभी सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति प्रक्रियाएX पूरी करने का आदेश दिया है. यह कदम आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले स्वच्छ और निष्पक्ष माहौल बनाने के लिए उठाया गया है. 

सूत्रों के अनुसार, स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बिहार का दौरा करेंगे. इस दौरे में वे चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे. माना जा रहा है कि इस यात्रा के बाद बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा हो सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि 6 अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम जारी हो सकता है. 

आदर्श आचार संहिता का प्रभाव  

चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही बिहार में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो जाएगी. इसके तहत नए स्थानांतरण, नियुक्तियां और सरकारी योजनाओं की घोषणाएँ प्रतिबंधित हो जाएंगी. यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 'अति पिछड़ा न्याय घोषणापत्र' जारी किया. इस घोषणापत्र में पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए शिक्षा, शासन और विकास में समान भागीदारी का वादा किया गया है. गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा "झूठ और साज़िश" फैलाती है. उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस इन समुदायों को पूर्ण अधिकार और सम्मान दिलाएगी. 

शिक्षा और आरक्षण पर विशेष ध्यान  

घोषणापत्र में शिक्षा को पिछड़े समुदायों की प्रगति का आधार बताया गया है. इसमें निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण का वादा शामिल है. साथ ही, निजी स्कूलों में आधी आरक्षित सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए होंगी. गांधी ने भेदभावपूर्ण नियुक्ति प्रथाओं को खत्म करने और समान अवसर देने का भी संकल्प लिया. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इंडिया ब्लॉक ने अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए 10-सूत्री प्रस्ताव जारी किया है. इसमें अत्याचार के खिलाफ नया कानून, स्थानीय निकायों में आरक्षण बढ़ाने, आवास, शिक्षा और सरकारी ठेकों में लाभ जैसे वादे शामिल हैं. पटना में आयोजित 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि गठबंधन की सरकार बनने पर ये वादे पूरे किए जाएंगे. बिहार में चुनावी सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं. चुनाव आयोग की सख्ती और कांग्रेस के सामाजिक न्याय के वादों ने माहौल को और गर्म कर दिया है. अब सभी की नज़रें आयोग की अगली घोषणा और राजनीतिक दलों की रणनीतियों पर टिकी हैं. 

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