आम आदमी पार्टी (AAP) की भगवंत मान सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देकर पंजाब को हरा-भरा बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित किया है. पिछले दो वर्षों में राज्य का ट्री कवर 177.22 वर्ग किलोमीटर बढ़ा, जो पिछले 15 वर्षों की सबसे बड़ी उपलब्धि है. यह सफलता केंद्र की फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट 2023 पर आधारित है, जो AAP के सतत प्रयासों का प्रमाण है.
पिछली सरकारों ने की पर्यावरण की उपेक्षा
दो दशकों में कांग्रेस-अकाली गठबंधन की सरकारों ने पर्यावरण को उपेक्षित किया. 2001-2023 के बीच वन क्षेत्र 4.80% से घटकर 3.67% रह गया, जबकि ट्री कवर 3.20% से 2.92% पर सिमट गया. अकाली सरकार का 'ग्रीनिंग पंजाब मिशन' कागजी शोपीस साबित हुआ—40 करोड़ पौधों का दावा करने पर मात्र 5 करोड़ लगे, जिनमें से 70% सूख गए. कांग्रेस काल में वन घोटाले उजागर हुए, जहां लाखों पेड़ विकास के नाम पर काटे गए. 2010-2020 में 8-9 लाख वृक्ष नष्ट हुए, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े.
ट्री प्रिजर्वेशन पॉलिसी से आया क्रांतिकारी बदलाव
मान सरकार ने 2023-24 में 1.2 करोड़ पौधे रोपे, 2024-25 के लिए 3 करोड़ का लक्ष्य रखा. 'हर घर बागीचा' अभियान ने गांवों-शहरों को जोड़ा. 2024 में 'ट्री प्रिजर्वेशन पॉलिसी' लागू कर पेड़ों को कानूनी संरक्षण दिया. विकास परियोजनाओं में अनिवार्य वनरोपण से 940 हेक्टेयर भूमि हरी हुई. गुरबाणी से प्रेरित 'नानक बागीची' (105 स्थापित) और 'पवित्र वन' (268) योजनाओं ने सांस्कृतिक जुड़ाव जोड़ा. JICA के साथ 792 करोड़ की परियोजना से 2030 तक वन क्षेत्र 7.5% पहुंचेगा, रोजगार भी सृजित होंगे.
पेड़ पंजाब की धड़कन
यह वृद्धि न केवल आंकड़े हैं, बल्कि जनसंकल्प का प्रतीक हैं. 'पंजाब हरियावली लहर' में 3.95 लाख ट्यूबवेलों पर 28.99 लाख पौधे लगे, किसानों को साझीदार बनाया. मान का संदेश—“पेड़ पंजाब की धड़कन हैं”—अब वास्तविकता बन रहा है. AAP ने भ्रष्टाचार की जड़ें उखाड़कर 'रंगला, हरियाला पंजाब' का सपना साकार किया.