Tech Layoffs: वैश्विक टेक कंपनियां जैसे टीसीएस, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, मेटा और पैनासोनिक इस साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं. इसका कारण एआई का बढ़ता प्रभाव और बदलती व्यावसायिक जरूरतें हैं. कुछ कंपनियां इसे दक्षता बढ़ाने का कदम बता रही हैं.
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस अपने 2 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. इससे करीब 12,000 नौकरियां प्रभावित होंगी. टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन ने कहा कि यह छंटनी एआई की वजह से नहीं है. कुछ कर्मचारी मौजूदा परियोजनाओं के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल में अबतक लगभग 15 हजार लोगों की छंटनी की है. इसके अलावा दो हजार लोग ने खुद कंपनी छोड़ दी है. सीईओ सत्य नडेला ने कहा कि यह पुनर्गठन दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए जरूरी है. कंपनी AI इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही है. यह छंटनी तब हुई, जब माइक्रोसॉफ्ट की कमाई और शेयर कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं.
इंटेल 24,000 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रहा है. यह कंपनी के कुल कर्मचारियों का एक चौथाई हिस्सा है. नए सीईओ लिप-बू टैन ने कहा कि मांग कम होने के कारण यह कदम जरूरी है. इंटेल जर्मनी और पोलैंड में अपनी फैक्ट्री परियोजनाएं रद्द कर रहा है.
मेटा ने अपने रियलिटी लैब्स विभाग में छंटनी की है. यह विभाग वीआर और एआर उत्पाद बनाता है. सुपरनैचुरल फिटनेस ऐप जैसी परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. मेटा ने सटीक आंकड़े नहीं बताए. कंपनी का लक्ष्य संचालन को सुव्यवस्थित करना है. इस साल की शुरुआत में मेटा ने 5 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की थी.
जापानी कंपनी पैनासोनिक 10 हजार नौकरियां की कटौती कर रही है. इसमें से आधी कटौती जापान में होगी. सीईओ युकी कुसुमी ने कहा कि कंपनी टीवी जैसे कमजोर क्षेत्रों से हट रही है. यह कदम एआई जैसी नई तकनीकों में निवेश के लिए उठाया गया है. कुसुमी ने इसे दीर्घकालिक विकास के लिए जरूरी बताया.