Parineeti raghav wedding: दुनिया के किसी भी घर में अगर शादी का माहौल होता है तो लोगों के लिए खुशियों भरा समय होता है. वहीं ढोल नगाड़ों की आवाज के साथ लोग नाचते गाते नजर आते हैं. इतना ही नहीं कई धार्मिक रीति-रिवाज भी किए जाते हैं. जिस के कारण शादी का महत्व अधिक बढ़ जाता है. दुनियाभर में रहने वाले लोग अपने-अपने धर्म के आधार पर अपनी मान्यताओं एवं पूजा पाठ करके विवाह के बंधन में बंध जाते हैं.
हिंदुओं में पूजा पाठ के साथ विवाह की पूरी प्रक्रिया शुरू की जाती है. बता दें कि ठीक उसी तरीके से पंजाबियों व सिखों में अरदास करके शादी के कार्यक्रम की शुरुआत की जाती है. वहीं अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा एवं सासंद राघव चड्ढा 24 सितंबर को विवाह के शुभ बंधन में बंधने जा रहे हैं.जबकि इन दोनों के विवाह के कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली में की गई अरदास से हुई. आपको बताते हैं कि अरदास का पंजाबी शादी में क्या खास महत्व होता है.
पंजाबी में अरदास उसे कहते हैं,जब विनम्र सेवक द्वारा अपने भगवान से अनुरोध किया जाता है. ये एक प्रकार की प्राथना होती है जो, वाहे गुरु जी से की जाती है. वहीं अरदास के दरमियान सारे उपस्थित लोग हाथ को जोड़कर सिर को झुकाकर खड़े हो जाते हैं. कहा जाता है कि सिख धर्म को मानने वाले लोग पूरे 3 टाईम अरदास करते हैं.
प्रथम- नितनेम के उपरांत.
दूसरा- किसी कार्य की शुरूआत करने से पूर्व वाहेगुरु का आशीर्वाद हासिल करने के लिए.
तीसरा- सफलता या खुशी के लिए वाहे गुरू को शुक्रिया कहने के लिए.
सारे लोगों को पता है कि विवाह एक शुभ काम है. इस हालात में शुभ काम करने से पूर्व वाहे गुरु का आशीर्वाद लिया जाता है. विवाह की रस्में पूरी करने से पहले अरदास किया जाता है. अरदास के उपरांत शादी की रस्में शुरू हो जाती हैं.
आपको बता दें कि पंजाबी शादी में अनेक प्रकार की रस्में होती है. जैसे कि कलीरें बांधन की रस्म, आनंद कराज, मेहंदी, बारात, सेहराबंदी, लावन, मिलनी, सिख्या मौजूद है. वहीं राघव चड्ढा व परिणीति चोपड़ा की शादी के कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली में की गई अरदास के साथ हो गई है. इसके बाद 23 सितंबर को दोनों सितारे परिवार व दोस्तों के साथ उदयपुर पहुंचने वाले हैं. जहां परिणीति एवं राघव 24 सितंबर को विवाह के बंधन में बंध जाएंगे.