जुबीन गर्ग के निधन पर परिवार को शक, CID में दर्ज कराई शिकायत, मामले की जांच की मांग

ज़ुबीन गर्ग के चाचा मनोज कुमार बोरठाकुर ने बताया कि उन्होंने शनिवार को सीआईडी को ईमेल के जरिए शिकायत भेजी. शिकायत पर गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग और बहन पाल्मे बोरठाकुर ने भी हस्ताक्षर किए हैं.

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Courtesy: Social Media

Zubeen Garg: असम के मशहूर गायक ज़ुबीन गर्ग की सिंगापुर में डूबने से हुई मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. उनके परिवार ने इस घटना की गहन जाँच के लिए असम के आपराधिक जाँच विभाग (सीआईडी) में शिकायत दर्ज की है. 19 सितंबर को सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के दौरान यह हादसा हुआ. परिवार ने मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं.

ज़ुबीन गर्ग के चाचा मनोज कुमार बोरठाकुर ने बताया कि उन्होंने शनिवार को सीआईडी को ईमेल के जरिए शिकायत भेजी. शिकायत पर गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग और बहन पाल्मे बोरठाकुर ने भी हस्ताक्षर किए हैं. मनोज ने कहा कि हम उनकी मौत की पूरी सच्चाई जानना चाहते हैं. सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि शिकायत मिली है और इसकी जांच शुरू हो गई है. 

CID की कार्रवाई और SIT का गठन  

असम सीआईडी ने इस मामले की जांच के लिए 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया है, जिसका नेतृत्व विशेष पुलिस महानिदेशक एमपी गुप्ता कर रहे हैं. रविवार को एसआईटी की एक टीम गुवाहाटी के काहिलीपारा स्थित गर्ग के घर गई. वहां परिवार से पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज किए गए. सीआईडी ने उन सभी लोगों को नोटिस जारी किया है, जो इस घटना से जुड़ी जानकारी रखते हैं. उन्हें 10 दिनों के भीतर बयान दर्ज कराने को कहा गया है. एसआईटी ने नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत के घर की तलाशी ली. इसके अलावा, गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी के घरों की भी जाँच की गई. ये दोनों उस समय गर्ग के साथ सिंगापुर में थे, जब यह हादसा हुआ. एक अधिकारी ने बताया कि जाँच में हर पहलू को ध्यान से देखा जा रहा है. 

CM सरमा का कड़ा रुख 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा कि अगर एसआईटी की जांच संतोषजनक नहीं रही, तो मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा. सरमा ने यह भी सुनिश्चित किया कि श्यामकानु महंत राज्य से बाहर न जाएं. उन्होंने कहा कि अगर मौत में कोई गड़बड़ी पाई गई, तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. 52 वर्षीय ज़ुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर के लाज़रस द्वीप पर तैराकी के दौरान मौत हो गई. शुरुआती खबरों में इसे स्कूबा डाइविंग हादसा बताया गया, लेकिन उनकी पत्नी गरिमा ने स्पष्ट किया कि यह दौरा पड़ने की वजह से हुआ. गर्ग का अंतिम संस्कार गुवाहाटी के कमरकुची में राजकीय सम्मान के साथ किया गया. दूसरा पोस्टमार्टम होने के बाद ही अंतिम संस्कार संभव हो सका. ज़ुबीन गर्ग असम के सांस्कृतिक प्रतीक थे. उनके निधन से प्रशंसकों में गहरा दुख है. जनता और परिवार की मांग है कि इस मामले की जांच पारदर्शी हो. गर्ग के गीत और उनकी आवाज़ ने लाखों लोगों के दिलों को छुआ था. उनकी मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए अब सभी की नजर सीआईडी की जाँच पर टिकी है.

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