पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की अफगानिस्तान को चेतावनी, 'शांति या अराजकता में से एक चुनो'

Pakistan Afghanistan tensions: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर ने शनिवार को कड़ा संदेश देते हुए काबुल से कहा है कि वह अपने देश की जमीन से पाकिस्तान पर हमला करने वाले आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए, अन्यथा “शांति या अराजकता में से एक” का चयन करे.

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Courtesy: X/ @BheriaMS

Pakistan Afghanistan tensions: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर ने शनिवार को कड़ा संदेश देते हुए काबुल से कहा है कि वह अपने देश की जमीन से पाकिस्तान पर हमला करने वाले आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए, अन्यथा “शांति या अराजकता में से एक” का चयन करे.

यह बयान मुनीर ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एबटाबाद स्थित पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (PMA) काकुल में पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सुरक्षा को चुनौती देने वाले किसी भी तत्व या प्रॉक्सी समूह को “धूल में मिला दिया जाएगा.”

आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर दो पड़ोसियों में टकराव

मुनीर ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान पर आतंकी हमलों के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार को इन आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने चाहिए. पाकिस्तान लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी संगठन अफगान सरहद के भीतर से हमले करते हैं.

हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के ओरकज़ई जिले में हुए एक हमले में पाकिस्तान के 11 सैनिक, जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर शामिल थे, मारे गए थे. इस हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और तनावपूर्ण बना दिया.

सीमा पर फिर भड़का संघर्ष

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच झड़पें पिछले सप्ताहांत शुरू हुईं, जब तालिबान बलों ने पाकिस्तानी हमलों के जवाब में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में retaliatory हमले किए. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमलों के आरोप लगाए.

संघर्ष को रोकने के लिए कतर और सऊदी अरब ने मध्यस्थता की, जिसके बाद 48 घंटे का युद्धविराम घोषित किया गया. यह अस्थायी संघर्ष विराम बढ़ा दिया गया था ताकि दोहा में होने वाली वार्ता तक शांति बनी रहे. हालांकि, शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से की गई हवाई कार्रवाई में 10 अफगान नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें तीन स्थानीय क्रिकेटर भी शामिल थे, जिसके बाद झड़पें फिर भड़क उठीं.

अफगानिस्तान का इनकार और अंतरराष्ट्रीय चिंता

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का कहना है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ नहीं किया जा रहा. वहीं, अफगान मीडिया टोโล न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तानी हवाई हमले अफगानिस्तान के उरगुन और बरमल जिलों में हुए, जहां कई आवासीय इलाकों को निशाना बनाया गया और बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए.

इस बीच, रॉयटर्स ने पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि युद्धविराम तालिबान सरकार के साथ हुआ था, न कि उन इस्लामिक आतंकियों के साथ जो अफगानिस्तान में छिपे हुए हैं और पाकिस्तान पर हमले करते हैं. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह नया संघर्ष न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि यह दक्षिण एशिया में आतंकवाद विरोधी रणनीतियों की सीमाओं को भी उजागर करता है.

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