Asim Munir: पाकिस्तान में सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की नियुक्ति को लेकर असमंजस गहराता जा रहा है. 29 नवंबर की डेडलाइन बीतने के बावजूद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) पद का नोटिफिकेशन जारी न होने से कई सवाल उठने लगे हैं. मुनीर का चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) के तौर पर कार्यकाल 29 नवंबर की रात आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया, और इसके बाद उम्मीद थी कि उन्हें पाकिस्तान की सैन्य संरचना के सबसे शक्तिशाली पद CDF पर नियुक्त कर दिया जाएगा. लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई.
नए संविधान संशोधन से बढ़नी थी मुनीर की ताकत
कुछ सप्ताह पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए 27वां संविधान संशोधन पारित कराया. इस संशोधन के तहत चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थान पर CDF पद की स्थापना की गई. माना जा रहा है कि यह पद आसिम मुनीर को पहले से भी अधिक अधिकार देग, तीनों सेनाओं, राष्ट्रीय रणनीतिक कमान और समग्र सैन्य ढांचे पर उनका मजबूत नियंत्रण सुनिश्चित करेगा.
यही वजह है कि पाकिस्तान की राजनीति और सुरक्षा गलियारों में माना जा रहा था कि मुनीर को बिना किसी विलंब के इस पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा. लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, देरी खुद एक चर्चा का विषय बनती जा रही है.
क्यों रुका है नोटिफिकेशन?
नोटिफिकेशन जारी न होने पर बढ़ते सवालों को देखते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सफाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “CDF की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नोटिफिकेशन उचित समय पर जारी किया जाएगा.”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया और राजनीतिक हलकों में चल रही अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है, और देरी का कारण मात्र तकनीकी प्रक्रिया है, न कि किसी राजनीतिक या सैन्य तनाव का संकेत.
वर्तमान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यूनाइटेड किंगडम के दौरे पर हैं और आज रात पाकिस्तान लौटने वाले हैं. ख्वाजा आसिफ का कहना है कि प्रधानमंत्री के लौटने के बाद ही अंतिम मंजूरी और नोटिफिकेशन की औपचारिक प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
क्या अगले हफ्ते होगा बड़ा ऐलान?
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री की वापसी के बाद अगले सप्ताह औपचारिक कमांड समारोह आयोजित किया जा सकता है, जिसमें आसिम मुनीर को CDF का चार्ज दिया जाएगा. इस समारोह से पहले नोटिफिकेशन की घोषणा होने की उम्मीद है. सूत्रों का यह भी मानना है कि यह देरी किसी तरह का जोखिम नहीं पैदा करती, बल्कि सरकारी प्रोटोकॉल और दस्तावेजी औपचारिकताओं के चलते प्रक्रिया धीमी हुई है.
सबसे पावरफुल पद की ओर एक कदम दूर
27वें संविधान संशोधन ने CDF को सैन्य ढांचे में सर्वोच्च पद बना दिया है. अगर आधिकारिक नियुक्ति होती है, तो आसिम मुनीर पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली सैन्य अधिकारी बन जाएंगे. मौजूदा माहौल में सारी निगाहें सिर्फ एक ही सवाल पर टिकी हैं, सरकार आखिर कब इस बहुप्रतीक्षित नोटिफिकेशन को जारी करेगी?