ट्रंप भारत के किसानों का बढ़ा सकते हैं टेंशन? चावल पर टैरिफ लगाने की चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप ने इस समस्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस पर गंभीरता से विचार करेंगे. बैठक में ट्रंप ने US ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट से पूछा कि भारत को ऐसा क्यों करने की इजाज़त है?

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Courtesy: X (@Maga_Trigger)

अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि वे खेती से जुड़े इंपोर्ट पर बड़ा कदम उठा सकते हैं. व्हाइट हाउस में हुई एक महत्वपूर्ण मीटिंग में उन्होंने खास तौर पर भारत से आने वाले चावल पर नए टैरिफ लगाने की बात कही.

मीटिंग के दौरान किसानों ने चावल की गिरती कीमतों का मुद्दा उठाया और बताया कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से बढ़ते इंपोर्ट से स्थानीय किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है. 

ट्रेजरी सेक्रेटरी से डोनाल्ड ट्रंप का सवाल 

डोनाल्ड ट्रंप ने इस समस्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस पर गंभीरता से विचार करेंगे. बैठक में ट्रंप ने US ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट से पूछा कि भारत को ऐसा क्यों करने की इजाज़त है? क्या उन्हें चावल पर कोई छूट मिली हुई है? बेसेंट ने स्पष्ट किया कि भारत को किसी भी तरह की छूट नहीं है और दोनों देशों के बीच एक ट्रेड डील पर बातचीत जारी है. ट्रंप ने दोहराया कि भारत US में चावल डंपिंग जारी नहीं रख सकता और आवश्यक हुआ तो टैरिफ लगाए जाएंगे.

कनाडा के फर्टिलाइजर पर भी टैरिफ की तैयारी

ट्रंप ने यह भी कहा कि वे कनाडा से आने वाले फर्टिलाइज़र पर कड़े टैरिफ लगाने की तैयारी में हैं. उनके अनुसार, ऐसा करने से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि काफी फर्टिलाइज़र कनाडा से आता है. अगर ज़रूरत पड़ी तो हम उस पर सख्त टैरिफ लगाएंगे.

इसी तरह हम अपने बाजार को मजबूत बनाते हैं. ट्रंप ने यह घोषणा अमेरिकी किसानों के लिए नए 12 बिलियन डॉलर के सपोर्ट पैकेज की घोषणा करते हुए की. पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में महंगाई, बदलते टैरिफ और वैश्विक बाज़ार की चुनौतियों के कारण किसान लगातार दबाव में हैं. चावल और फर्टिलाइज़र इंपोर्ट पर संभावित टैरिफ इसी बढ़ते असंतोष को देखते हुए सामने आए हैं.

भारत-अमेरिका ट्रेड डील की तैयारी

इसी साल की शुरुआत में अमेरिका ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया था. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत में प्रतिबंधित ट्रेड प्रैक्टिस अपारदर्शिता पैदा करती हैं और देश भारी मात्रा में ऊर्जा इंपोर्ट पर निर्भर है. इसी बीच, ट्रेड डील को आगे बढ़ाने के लिए इस हफ्ते एक अमेरिकी डेलीगेशन भारत पहुंचने वाला है. उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच व्यापार से जुड़े कई प्रमुख मुद्दों पर बातचीत आगे बढ़ेगी.

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