'भारत जल्द बंद करेगा रूसी तेल की खरीदारी', डोनाल्ड ट्रंप के नए दावे से हलचल तेज

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीद बंद करने का आश्वासन दिया है. ट्रंप ने इसे एक बड़ा कदम बताया.

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Courtesy: X (@MumbaichaDon, @thefernandocz)

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीद बंद करने का आश्वासन दिया है. ट्रंप ने इसे एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी, हालांकि तुरंत नहीं हो सकेगी. 79 वर्षीय रिपब्लिकन नेता ने भारत को अविश्वसनीय देश और पीएम मोदी को महान व्यक्ति करार दिया.

ट्रंप के मुताबिक, पीएम मोदी ने उनसे कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा. उन्होंने बताया कि मेरे दोस्त (मोदी) ने मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा. यह एक छोटी प्रक्रिया है, जो जल्द पूरी हो जाएगी. ट्रंप ने यह भी कहा कि कुछ देशों ने अस्थायी रूप से रूसी तेल खरीदा, लेकिन भारत ने इसे स्थायी रूप से बंद करने का वादा किया है.

भारत के तेल ना खरीदने से रुक जाएगा युद्ध?

ट्रंप ने अपने बयान में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी नेता वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच तनाव का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच नफरत है. ट्रंप का मानना है कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे, तो इससे यूक्रेन युद्ध को रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पुतिन हत्याएं रोकें. भारत का यह कदम युद्ध को खत्म करने में आसानी लाएगा. फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने भारत की रूसी तेल खरीद की आलोचना की है. उनका दावा है कि यह कदम युद्ध को बढ़ावा देता है. ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद भारत पर टैरिफ भी लगाए हैं. इसके बावजूद भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए रूसी तेल खरीदने का बचाव किया है.

भारत के लिए बड़ी चुनौती 

मोदी सरकार ने बार-बार कहा है कि भारत अपने हितों को प्राथमिकता देगा. रूसी तेल खरीद को लेकर भारत का कहना है कि यह कदम देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ज़रूरी है. भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह वैश्विक मंच पर संतुलित नीति अपनाएगा और किसी भी देश के दबाव में नहीं आएगा. ट्रंप के इस बयान ने भारत-अमेरिका संबंधों पर नई चर्चा शुरू कर दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत रूसी तेल पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम उठा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होगी. भारत की ऊर्जा ज़रूरतें और वैश्विक कूटनीति के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती होगी.

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