रूस के कामचटका में फिर दहला धरती का सीना, भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 7.0 रही. यह 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर केंद्रित था. लेकिन अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने इसे 7.4 तीव्रता का बताया. इसका केंद्र 39.5 किलोमीटर गहराई पर था.

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Courtesy: Social Media

Russia Earthquake: रूस के सुदूर पूर्वी इलाके कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर शनिवार को भूकंप ने एक बार फिर भय पैदा कर दिया. यह घटना जुलाई के विनाशकारी भूकंप के कुछ ही महीनों बाद हुई है. भूकंप की तीव्रता ने विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है. आइए, इसकी पूरी जानकारी समझें.

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 7.0 रही. यह 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर केंद्रित था. लेकिन अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने इसे 7.4 तीव्रता का बताया. इसका केंद्र 39.5 किलोमीटर गहराई पर था. यूएसजीएस ने शुरुआत में 7.5 की तीव्रता का अनुमान लगाया था. बाद में इसे संशोधित किया गया. यह भूकंप समुद्री क्षेत्र में आया. इसलिए तटीय इलाकों में झटके तेज महसूस हुए.

सुनामी का खतरा मंडराया

भूकंप के तुरंत बाद प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने अलर्ट जारी किया. रूसी तटों पर 300 किलोमीटर के दायरे में खतरनाक लहरें आने की आशंका जताई गई. विशेषज्ञों ने तटीय इलाकों के निवासियों को सावधान रहने को कहा. जापान में भी सतर्कता बरती गई. हालांकि, अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं बताया गया. आपातकालीन टीमें सक्रिय हो गईं. यह चेतावनी भूकंप की उथली गहराई के कारण जारी की गई. लहरें छोटी हो सकती हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है. यह भूकंप जुलाई 2025 में आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के बाद आया. वह भूकंप कामचटका के पास ही केंद्रित था. यूएसजीएस के अनुसार, वह पिछले 14 वर्षों का सबसे शक्तिशाली था. प्रलेखित इतिहास में यह छठा सबसे बड़ा भूकंप माना गया. 2011 के जापान भूकंप (9.1 तीव्रता) के बाद यह सबसे तीव्र था. जुलाई के भूकंप ने प्रशांत महासागर में भारी लहरें पैदा कीं. जापान, अमेरिका और कई द्वीप देशों में चेतावनी जारी हुई. हवाई और अलास्का में सीधा खतरा था. निचले इलाकों के लोगों को ऊंचाई पर जाने को कहा गया.

क्षेत्र का भूकंपीय इतिहास

कामचटका प्रायद्वीप प्रशांत अग्नि वलय में स्थित है. यहां भूकंप आम हैं. 1952 में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था. सोवियत काल में यह विनाशकारी साबित हुआ. जुलाई 2025 के भूकंप के बाद कई ज्वालामुखी फटे. क्लूचेव्स्काया सोपका और क्राशेनिनिकोव सक्रिय हुए. क्राशेनिनिकोव का विस्फोट 500 वर्षों बाद हुआ. वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप ने भूमिगत दबाव बढ़ाया. अब आफ्टरशॉक की आशंका है. रूसी आपातकालीन मंत्रालय नजर रख रहा है. भूकंप ने जुलाई में अमेरिका के पश्चिमी तट तक लहरें पहुंचाईं. कैलिफोर्निया और अन्य राज्यों में अलर्ट था. अब नए भूकंप से प्रशांत क्षेत्र सतर्क है. न्यूजीलैंड तक छोटी लहरें पहुंची थीं. विशेषज्ञ कहते हैं, ऐसे क्षेत्रों में तैयारी जरूरी. रूस सरकार ने स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां सहयोग कर रही हैं. भूकंप विज्ञान में नई जानकारी मिल रही है. इससे भविष्य की आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी.

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