Earthquake in Russia: कामचटका में 7.8 तीव्रता की भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी, बाद में हटी

रूस के कामचटका क्षेत्र के पूर्वी तट पर शुक्रवार सुबह 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 127 किलोमीटर पूर्व में, 19.5 किलोमीटर की गहराई पर था.

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Courtesy: Social Media

Earthquake in Russia: रूस के कामचटका क्षेत्र के पूर्वी तट पर शुक्रवार सुबह 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 127 किलोमीटर पूर्व में, 19.5 किलोमीटर की गहराई पर था. यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 6:58 बजे हुई. अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं है. प्रशांत सुनामी चेतावनी प्रणाली ने शुरुआत में सुनामी की चेतावनी जारी की थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया. अधिकारियों ने पुष्टि की कि अब कोई खतरा नहीं है.

इस भूकंप के बाद क्षेत्र में कई छोटे झटके भी दर्ज किए गए. सबसे बड़ा झटका 5.8 तीव्रता का था. कामचटका क्षेत्र में पिछले दो महीनों में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ी हैं. हाल ही में 8.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप और 7.4 तीव्रता के दो भूकंप इस क्षेत्र में आ चुके हैं. पिछले शनिवार को भी 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 111.7 किलोमीटर पूर्व में, 39 किलोमीटर की गहराई पर था. ये बार-बार आने वाले भूकंप क्षेत्र की भूवैज्ञानिक अस्थिरता को दर्शाते हैं.

भूकंपों का हॉटस्पॉट

कामचटका क्षेत्र भूकंपों के लिए बेहद संवेदनशील है. यह प्रशांत अग्नि वलय (पैसिफिक रिंग ऑफ फायर) का हिस्सा है, जो दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है. यहाँ प्रशांत प्लेट और उत्तरी अमेरिकी प्लेट आपस में टकराती हैं. इस टकराव से विवर्तनिक दबाव बनता है, जो भूकंपों का कारण बनता है. इसके अलावा, कामचटका में कई सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं, जो इस क्षेत्र को और अधिक अस्थिर बनाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां सामान्य हैं, लेकिन इनकी तीव्रता और आवृत्ति चिंता का विषय है.

सुनामी का खतरा और सावधानियां

भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी, जिससे स्थानीय लोग और प्रशासन सतर्क हो गए. हालांकि, बाद में चेतावनी हटा ली गई. जुलाई में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद भी सुनामी की चेतावनी जारी हुई थी, जिसका असर रूस, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई प्रशांत द्वीप देशों तक पहुंचा था. इन घटनाओं ने क्षेत्र में बेहतर आपदा प्रबंधन और निगरानी प्रणाली की आवश्यकता को उजागर किया है. कामचटका में बार-बार आने वाले भूकंप वैज्ञानिकों और प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी और मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण जरूरी है. स्थानीय प्रशासन और निवासियों को भूकंप और सुनामी से निपटने के लिए तैयार रहना होगा. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी इस क्षेत्र में बड़े भूकंप आ सकते हैं.

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