नई दिल्ली: सिडनी के बॉन्डी बीच पर रविवार शाम खुशी का माहौल अचानक चीख-पुकार में बदल गया. यहूदी समुदाय के हनुका उत्सव के दौरान हुई गोलीबारी ने पूरे ऑस्ट्रेलिया को झकझोर दिया.
इस हमले ने न सिर्फ कई परिवारों को उजाड़ा, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब जांच में हमले के पीछे की साजिश और हमलावरों की पृष्ठभूमि सामने आने लगी है.
हमला शाम करीब 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू हुआ, जब एक फुटब्रिज से भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग की गई. लंबी दूरी की राइफलों से कुल 103 गोलियां चलाई गईं. मौके पर मौजूद लोग संभल भी नहीं पाए. इस हमले में 15 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक 10 वर्षीय बच्ची भी शामिल थी. कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए और अस्पतालों में अफरा-तफरी मच गई.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हमलावर पिता-पुत्र थे. 50 वर्षीय साजिद अकरम और उसका 24 वर्षीय बेटा नवीद अकरम इस हमले के पीछे थे. पुलिस कार्रवाई में साजिद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नवीद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है और पुलिस निगरानी में है. साजिद के पास छह हथियारों का वैध लाइसेंस था.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि प्रारंभिक जांच से यह हमला इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरित लगता है. पुलिस को हमलावरों की कार से घरेलू स्तर पर बनाए गए आईएस के झंडे और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस मिले हैं. इसे नफरत फैलाने वाली चरमपंथी सोच का नतीजा बताया गया है.
पुलिस कमिश्नर के अनुसार, दोनों हमलावर पिछले महीने फिलीपींस गए थे. इस यात्रा के मकसद की जांच की जा रही है. कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है कि वे वहां किसी तरह की ट्रेनिंग लेने गए थे. नवीद अकरम का नाम 2019 में खुफिया एजेंसी की जांच में भी सामने आया था.
हमले के दौरान एक निहत्थे राहगीर अहमद अल अहमद ने साहस दिखाते हुए एक हमलावर को निरस्त्र कर दिया. पुलिस और प्रधानमंत्री ने उनकी बहादुरी की सराहना की. सरकार ने कहा है कि बंदूक कानूनों की फिर से समीक्षा की जाएगी और जांच हर पहलू से जारी है.