Asteroid FA22: इस महीने पृथ्वी के पास एक दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटना होने वाली है. वैज्ञानिकों के अनुसार, एस्टेरॉयड FA22 सितंबर में पृथ्वी के करीब से गुजरेगा. नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) और जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. इस एस्टेरॉयड की खोज साल की शुरुआत में पैन-स्टार्स 2 सर्वे ने की थी. इसके विशाल आकार के कारण न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की नजर इस पर टिकी है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एस्टेरॉयड FA22 की चौड़ाई 120 से 280 मीटर के बीच हो सकती है. इसे आसानी से समझने के लिए, दिल्ली की प्रसिद्ध कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है. अगर एस्टेरॉयड अपने सबसे छोटे आकार में भी हो, तो यह कुतुब मीनार से दोगुना बड़ा होगा. वहीं, अगर इसका आकार सबसे बड़ा हुआ, तो यह कुतुब मीनार से चार गुना से भी अधिक विशाल होगा. यह एस्टेरॉयड सूर्य के चारों ओर मध्यम लंबी और थोड़ी झुकी कक्षा में चक्कर लगाता है. इसकी एक परिक्रमा में लगभग 1.85 वर्ष लगते हैं.
जानकारी के अनुसार, 18 सितंबर को एस्टेरॉयड FA22 पृथ्वी से लगभग 8,42,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी से दोगुनी से भी अधिक है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दूरी पृथ्वी के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. इस दूरी पर एस्टेरॉयड का पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है. हालांकि, इतनी निकटता वैज्ञानिकों के लिए इस खगोलीय पिंड का अध्ययन करने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है. इंटरनेशनल एस्टेरॉयड वार्निंग नेटवर्क (IAWN) इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार है. शक्तिशाली दूरबीनों की मदद से वैज्ञानिक FA22 की संरचना, गति और अन्य गुणों का गहन अध्ययन करेंगे. इससे भविष्य में ऐसे खगोलीय पिंडों के व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी. नासा और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन इस एस्टेरॉयड की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं. यह अध्ययन अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है.
वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि एस्टेरॉयड FA22 से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है. यह केवल पृथ्वी के पास से गुजरेगा, जिससे कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है. फिर भी, इस घटना ने लोगों की उत्सुकता बढ़ा दी है. वैज्ञानिकों के लिए यह एक अनोखा अवसर है, जिससे वे अंतरिक्ष के रहस्यों को और बेहतर तरीके से समझ सकें. एस्टेरॉयड FA22 का पृथ्वी के पास से गुजरना एक दुर्लभ और रोमांचक घटना है. यह न केवल वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आम लोगों में भी अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा जगाता है.