Israel Hamas War: इजराइल और के बीच जारी जंग को लेकर भारत ने चिंता जाहिर की है. इस जंग की शुरुआत पिछले साल 7 अक्टूबर को हुई थी. इस दौरान गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 30 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, 70,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. वहीं 10,000 हमास लड़ाकों की मौत हो चुकी है. ऐसे में अब तक ये युद्ध नहीं रुक पाया है. जिससे पूरी दुनिया चिंतित है. भारत भी लगातार अपनी तरफ से इस युद्ध के विराम को लेकर प्रयास करता दिखाई दे रहा है. इस युद्ध वजह से मानवीय संकट गहरा चुका है, जिसे लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चिंता व्यक्त की है.
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने फिलिस्तीन पर 10वें यूएनजीए आपातकालीन विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर महिलाओं और बच्चों ने अपनी जान गंवाई है. ऐसे में दुनिया के सभी देशों को ऐसी परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करना चाहिए. कंबोज ने कहा कि युद्ध और भी विकराल रूप ले सकता है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2728 को स्वीकार करना एक सकारात्मक पहल हो सकती है.
रुचिरा कंबोज ने आगे कहा कि भारत की मांग है कि सभी बंधकों की बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए. इस युद्ध में आम लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है.
कंबोज ने कहा कि गाजा में मानवीय हालात गंभीर है. हालात और बिगड़ने से रोकने के लिए गाजा के लोगों की मानवीय सहायता तुरंत बढ़ानी चाहिए. हम सभी पक्षों से इस प्रयास में एक साथ आने का आग्रह करते हैं. हम संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का स्वागत करते हैं. भारत की मांग है कि फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की जाए.
वहीं, भारत ने टू स्टेट सॉल्यूशन पर भी अपनी बात रखी. रुचिरा कंबोज ने आगे कहा कि भारत ने हमेशा टू स्टेट सॉल्यूशन की बात दोहराई है और फलस्तीन के लोगों की आजादी की वकालत की है. वहीं, हम संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता का समर्थन करते हैं.