भारत-रूस तेल विवाद पर नवारो की आलोचना, एलन मस्क को आड़े हाथों लिया

नवारो के उलट, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को बेहद खास बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत में गर्मजोशी दिखाई. मोदी ने भी इन संबंधों को वैश्विक रणनीतिक साझेदारी करार दिया, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद है.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Peter Navarro slammed Elon Musk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत और रूस के तेल व्यापार को लेकर फिर बयान दिया है. उन्होंने दावा किया कि भारत केवल लाभ के लिए रूस से तेल खरीद रहा है, जिससे रूस की युद्ध मशीन को मदद मिल रही है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके इस बयान की तथ्य-जांच हुई, जिसके बाद उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. नवारो ने भारत के टैरिफ को भी अमेरिकी नौकरियों के नुकसान का कारण बताया. एक्स के सामुदायिक नोट ने नवारो के दावों को गलत साबित किया. नोट में कहा गया कि भारत रूस से तेल अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए खरीदता है, न कि केवल मुनाफे के लिए. यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत का तेल आयात अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करता.

नवारो और मस्क की तीखी बहस  

नोट में बताया गया कि पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद रूस से सस्ते तेल की उपलब्धता के कारण भारत का आयात बढ़ा. साथ ही, यह भी उजागर किया गया कि अमेरिका भी रूस से कई वस्तुओं का आयात करता है. नवारो के दावों को पाखंडी करार दिया गया. उन्होंने सामुदायिक नोट को बकवास कहा और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पर एक्स पर प्रचार की अनुमति देने का आरोप लगाया. नवारो ने भारत पर फिर हमला बोला और कहा कि भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है.

उन्होंने यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी नौकरियों को लेकर भी भारत की आलोचना की. यह विवाद नवारो और मस्क के बीच पुराने टकराव को और बढ़ा देता है. पहले भी नवारो ने मस्क की कंपनी टेस्ला की आलोचना की थी, जिसका मस्क ने तीखा जवाब दिया था. भारत की ओर से नवारों के बयान को भ्रामक बताया गया. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध मजबूत और दूरदर्शी हैं. दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी आपसी विकास के लिए है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की नीतियां अपनी ऊर्जा जरूरतों और वैश्विक जिम्मेदारियों के अनुरूप हैं.

ट्रंप और मोदी की सकारात्मक टिप्पणियां  

नवारो के उलट, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को बेहद खास बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत में गर्मजोशी दिखाई. मोदी ने भी इन संबंधों को वैश्विक रणनीतिक साझेदारी करार दिया, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद है. यह विवाद भारत-अमेरिका संबंधों की जटिलताओं को दर्शाता है. वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के बीच ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार नीतियां अहम मुद्दे बने हुए हैं. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से तेल खरीद रहा है, जो कूटनीतिक और आर्थिक रूप से संतुलित कदम है. नवारो के दावों और तथ्य-जांच ने वैश्विक मंच पर बहस को और तेज कर दिया है.

Tags :