UNSC Meeting: जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने इस्लामाबाद के अनुरोध पर बैठक बुलाई, जो को बिना किसी नतीजे के समाप्त कर दिया. इस्लामाबाद को एक बार फिर वैश्विक मंच पर मुंह की खानी पड़ी, क्योंकि न तो कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ और न ही कोई प्रेस विज्ञप्ति.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सोमवार को शुरू हुई यह बैठक मंगलवार को खत्म हो गई. इसके बाद कोई भी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान ने पूर्व में यूएन की मदद से अपनी जान बचाई थी, लेकिन इस बार वे भी इस्लामाबाद की मदद नहीं कर पाएं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच बढ़ते तनाव को 'चिंताजनक' बताया. यह बैठक भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने और जम्मू-कश्मीर में बांधों के जरिए चेनाब व झेलम नदियों का प्रवाह रोकने के बाद हुई. पाकिस्तान ने इस कदम को 'आक्रामक' करार देते हुए भारत पर सैन्य तैनाती और भड़काऊ बयानबाजी का आरोप लगाया. पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को उठाकर पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की मौत से ध्यान भटकाने की कोशिश की. बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के खिलाफ आधारहीन दावे किए, हालांकि उनकी यह रणनीति नाकाम रही. बता दें कि यह बैठक यूएनएससी चैंबर में नहीं हुआ था बल्कि एक अलग कमरे में हुई, जो औपचारिक बैठकों से अलग थी.
भारत ने पाकिस्तान के इन प्रयासों को पहले भी विफल किया है. 2019 में जब चीन ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद यूएनएससी में बंद कमरे की बैठक बुलाई थी तब भी कोई नतीजा नहीं निकला था. परिषद के अधिकांश सदस्यों ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना चाहिए. पूर्व भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान की ऐसी हरकतों से कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता. भारत ने एक बार फिर साबित किया कि वह वैश्विक मंचों पर इस्लामाबाद के दुष्प्रचार को बेनकाब करने में सक्षम है. आपको बता दें कि पाकिस्तान वर्तमान में यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है.