Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने परमाणु हथियारों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों और आत्मरक्षा के लिए है. यह बयान भारत के साथ हाल के तनाव के बाद आया. पहले पाकिस्तानी नेताओं ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी थी.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया. इसके जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर दी. पाकिस्तान ने इसे युद्ध की कार्रवाई बताया. पाकिस्तानी नेताओं ने पूरा स्पेक्ट्रम जवाब देने की धमकी दी, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल थे.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया. शहबाज ने स्वीकार किया कि इस दौरान 55 पाकिस्तानी मारे गए. लेकिन उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पारंपरिक ताकत से जवाब दिया, न कि परमाणु हथियारों से. भारत ने पाकिस्तान की परमाणु ब्लैकमेल की धमकियों को खारिज किया. नई दिल्ली ने साफ कहा कि वह ऐसी धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत ने द्विपक्षीय रूप से जवाब देने की बात कही. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के सुर बदल गए. शहबाज ने अब शांति की बात शुरू की.
इस्लामाबाद में छात्रों को संबोधित करते हुए शहबाज ने परमाणु युद्ध की आशंकाओं को खारिज किया. उन्होंने कहा कि हमारा परमाणु कार्यक्रम आक्रमण के लिए नहीं, बल्कि शांति और रक्षा के लिए है. यह बयान सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों के जवाब में था. पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता भी इस बयान की वजह हो सकती है. शहबाज ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के इस्तीफे की अफवाहों को खारिज किया. उन्होंने सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ भी अच्छे संबंधों की बात कही. यह दिखाता है कि शहबाज अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव को संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं.
पाकिस्तान का परमाणु बयान क्षेत्रीय शांति के लिए अहम है. दोनों देशों के बीच शुरू से ही तनाव है. शहबाज का यह बयान तनाव कम करने की दिशा में एक कदम हो सकता है. लेकिन आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई के बिना शांति मुश्किल है. शहबाज के बयान ने भारत और पाकिस्तान में चर्चा छेड़ दी है. लोग इस बदलाव को ऑपरेशन सिंदूर के दबाव से जोड़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई लोग इसे पाकिस्तान की कमज़ोरी मान रहे हैं. जनता अब दोनों देशों के अगले कदम पर नज़र रखे हुए है.