कौन हैं उज्ज्वल निकम? जिनपर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया भरोसा

उज्ज्वल निकम ने कई बड़े और जटिल मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया. 1993 के मुंबई बम धमाकों में उन्होंने विशेष लोक अभियोजक की भूमिका निभाई. इस मामले ने आतंकवाद की गंभीरता को उजागर किया.

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Courtesy: Social Media

Ujjwal Nikam: उज्ज्वल निकम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किया है. यह सम्मान उनके चार दशकों के शानदार कानूनी करियर को दर्शाता है. निकम ने आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में अहम योगदान दिया है. उनकी नियुक्ति से विधायी क्षेत्र में कानूनी विशेषज्ञता आएगी.

उज्ज्वल निकम ने कई बड़े और जटिल मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया. 1993 के मुंबई बम धमाकों में उन्होंने विशेष लोक अभियोजक की भूमिका निभाई. इस मामले ने आतंकवाद की गंभीरता को उजागर किया. 26/11 मुंबई हमलों में उन्होंने आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ मुकदमा लड़ा. उनकी कोशिशों से पीड़ितों को जल्द न्याय मिला.

सनसनीखेज मुकदमों में कमाल

निकम ने गुलशन कुमार और भाजपा नेता प्रमोद महाजन की हत्या जैसे सनसनीखेज मामलों में भी अभियोजन किया. उनकी सावधानीपूर्वक तैयारी और मज़बूत तर्कों ने कठिन मामलों में दोषसिद्धि दिलाई. उनकी अदालती शैली और साक्ष्य प्रस्तुत करने की कला बेजोड़ है. 2016 में भारत सरकार ने निकम को पद्मश्री से नवाज़ा. यह पुरस्कार उनके कानूनी क्षेत्र और सार्वजनिक सेवा में योगदान के लिए था. उनके काम ने न्यायपालिका में जनता का भरोसा बढ़ाया. उन्होंने प्रभावी अभियोजन की अहमियत को रेखांकित किया. राज्यसभा में निकम से कानूनी सुधार और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा में योगदान की उम्मीद है. उनका अनुभव संसदीय कार्यवाही को समृद्ध करेगा. 2024 में निकम ने मुंबई उत्तर मध्य से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से हार गए. फिर भी, उनकी विश्वसनीयता पर कोई सवाल नहीं है.

पीएम मोदी ने की तारीफ

राष्ट्रपति द्वारा नामांकन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर निकम की प्रशंसा की. निकम के साथ तीन अन्य हस्तियों को भी नामित किया गया. इनमें पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, केरल के शिक्षक सी सदानंदन मास्टर और इतिहासकार मीनाक्षी जैन शामिल हैं. निकम का करियर न्याय के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है. उन्होंने आतंकवाद से लेकर सनसनीखेज हत्याओं तक कई मामलों में न्याय दिलाया. उनकी नियुक्ति से विधायिका में ज़मीनी अनुभव आएगा. यह कदम कानून-व्यवस्था को और मज़बूत करने की दिशा में अहम है. निकम के राज्यसभा नामांकन से देशभर में उत्साह है. लोग उनके अनुभव और निष्पक्षता की सराहना करते हैं. सोशल मीडिया पर उनकी नियुक्ति को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं. लोग उनसे कानूनी सुधारों में बड़े योगदान की उम्मीद कर रहे हैं.

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