Donald Trump: व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ तीखा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि यदि नई दिल्ली ने अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में सहयोग नहीं किया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
रियल अमेरिका वॉयस पर बोलते हुए नवारो ने भारत पर 'टैरिफ का महाराजा' होने का आरोप लगाया और रूस के साथ बढ़ते ऊर्जा संबंधों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, "भारत दुनिया के किसी भी बड़े देश की तुलना में अमेरिका पर सबसे अधिक टैरिफ लगाता है. हमें इसका समाधान करना होगा."
रूसी तेल खरीद पर विवाद
नवारो ने दावा किया कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले भारत रूसी तेल की 'नगण्य' मात्रा खरीदता था, लेकिन अब सस्ते रूसी कच्चे तेल से 'मुनाफाखोरी' कर रहा है. उन्होंने कहा, "इससे अमेरिकी करदाताओं को यूक्रेन संघर्ष के लिए अधिक धन भेजना पड़ रहा है."
नवारो ने भारत की तुलना यूरोपीय संघ, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे अमेरिकी सहयोगियों से की, जिन्होंने नए व्यापार समझौतों के जरिए वाशिंगटन के साथ निकटता बढ़ाई है. उन्होंने चेतावनी दी, "भारत को किसी न किसी मोड़ पर समझना होगा. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वह रूस और चीन के साथ गठजोड़ में फंस जाएगा, जो भारत के लिए अच्छा नहीं होगा."
ब्रिक्स पर निशाना और वैश्विक सुरक्षा
नवारो ने ब्रिक्स समूह, जिसमें हाल ही में इंडोनेशिया शामिल हुआ, पर भी हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाएं अमेरिकी बाजारों पर निर्भर हैं और उनकी 'अनुचित व्यापार नीतियां' अमेरिका को 'नुकसान' पहुंचा रही हैं. उन्होंने भारत के रूसी तेल आयात को वैश्विक सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करना होगा. शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है.
नवारो की बयानबाजी पर विवाद
नवारो के भारत विरोधी बयानों ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. उनकी एक पोस्ट, जिसमें उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीदकर 'युद्ध मशीन' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, को एक्स की कम्युनिटी नोट्स ने गलत बताया. इससे नाराज नवारो ने एलन मस्क पर भी निशाना साधा.
इस बीच ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू किया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है. यह कदम भारत के रूस के साथ ऊर्जा व्यापार को दंडित करने के लिए उठाया गया है.