PM Modi Meet Vladimir Putin: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गर्मजोशी से मुलाकात की. पीएम मोदी और पुतिन ने मिलते ही एक-दूसरे को गले लगाकर दुनिया को दोस्ती का संदेश दिया. इन दिनों की इस मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
पीएम मोदी ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर ट्वीट भी शेयर किया. जिसके साथ उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर हमेशा खुशी होती है! इसी के साथ उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर की जिसमें वे दोनों गले मिलते नजर आ रहे हैं और बातचीत भी करते दिखें.
भारत और रूस की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत हो रहे हैं. बातचीत के दौरान दोनों देशों ने ऊर्जा, रक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. तियानजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों नेताओं का स्वागत किया. पीएम मोदी सात साल बाद पहली बार चीन यात्रा है. पिछले साल रूस के कज़ान में मोदी और जिनपिंग की मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों में नई गर्मजोशी लाई थी. उस दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध खत्म करने पर सहमति बनी थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुलाकात के बीच भारत को फिर से टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी. ट्रंप और उनके व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की कड़ी आलोचना की है. उनका दावा है कि भारत का रूस के साथ तेल व्यापार यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देता है. ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर रूस यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता, तो वह 100% टैरिफ और द्वितीयक प्रतिबंध लगाएंगे. हाल ही में अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बाद ट्रंप ने दावा किया कि रूस ने भारत जैसे बड़े तेल ग्राहक को खो दिया है. फॉक्स न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत रूस के 40% तेल का खरीदार था. हालांकि, भारत ने साफ किया है कि उसके ऊर्जा सौदे वैश्विक बाजार और स्थिति पर आधारित हैं. भारत ने रूस के साथ अपने व्यापार को सही ठहराते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय हित में है.
एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत और रूस के बीच यह मुलाकात वैश्विक मंच पर दोनों देशों की एकजुटता को दर्शाती है. पीएम मोदी और पुतिन ने क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा की. यह मुलाकात भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाती है, जो वैश्विक दबावों के बीच संतुलन बनाए रखने में सक्षम है. भारत और रूस की यह दोस्ती वैश्विक चुनौतियों के बीच एक मिसाल है. दोनों देशों ने आपसी सहयोग और विश्वास को और मजबूत करने का संकल्प लिया है. तियानजिन में यह मुलाकात न केवल भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाई देगी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी.