US on Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है. इस जंग में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है. हजारों सैनिक मारे गए हैं. यूक्रेन का बुनियादी ढांचा पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. लेकिन इस युद्ध का फायदा तीसरे देशों, खासकर अमेरिका को, मिल रहा है.
युद्ध के बीच रूस ने अपने क्रूड ऑयल के दाम कम कर दिए. भारत और चीन जैसे देशों ने इसका खूब लाभ उठाया. सस्ते तेल ने इन देशों को आर्थिक फायदा पहुंचाया. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया. उनका दावा था कि भारत के तेल खरीदने से रूस हथियार बनाता है, जिससे यूक्रेन पर हमले हो रहे हैं. फिर भी, कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं कि इस युद्ध से सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका को ही हुआ है.
युद्ध के दौरान अमेरिकी हथियार कंपनियों ने यूक्रेन को भारी मात्रा में टैंक, मिसाइल और फाइटर जेट बेचे. इससे इन कंपनियों को मोटा मुनाफा हुआ. SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014-19 में अमेरिका दुनिया के 35% हथियार निर्यात करता था. 2020-24 में यह आंकड़ा 43% तक पहुंच गया. यानी, हथियार निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 21% बढ़ी. अमेरिका 100 से ज्यादा देशों को हथियार बेचता है, लेकिन सबसे ज्यादा बिक्री यूक्रेन को हुई. यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन की बचत अमेरिकी सैन्य उद्योगों के मुनाफे के सामने कम है. युद्ध की वजह से अन्य देशों ने भी हथियार खरीदे, जिससे अमेरिका को बड़ा लाभ हुआ.
अमेरिका अपनी विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) और प्रत्यक्ष वाणिज्यिक बिक्री (DCS) प्रणाली के जरिए हथियार और सुरक्षा सेवाएं बेचता है. नई रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले तीन सालों में इन दोनों कार्यक्रमों से अमेरिका ने रक्षा उपकरणों और सेवाओं की बिक्री को दोगुना कर लिया. विलियम डी हार्टुंग और स्टीफन एन सेमलर ने अपने शोध पत्र ‘युद्ध के लाभ’ में बताया कि 2020-24 के बीच अमेरिकी रक्षा ठेकेदारों को पेंटागन से 2.4 ट्रिलियन डॉलर के ऑर्डर मिले. यह पेंटागन के 4.4 ट्रिलियन डॉलर के बजट का आधा है. इससे साफ है कि युद्ध को शांत करने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को बड़ा आर्थिक लाभ पहुंचाया. आने वाले समय में यूरोपीय देश यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका से 90 बिलियन डॉलर के हथियार खरीदने की योजना बना रहे हैं. इस युद्ध ने अमेरिकी हथियार उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. जबकि रूस और यूक्रेन को नुकसान हो रहा है, अमेरिका इस जंग से मुनाफा कमा रहा है.