Saudi Arabia alcohol policy: सऊदी अरब दुनिया भर के मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र स्थान है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु हज और उमराह अदा करने पहुंचते हैं. इस्लाम में शराब को हराम माना गया है, लेकिन इसके बावजूद सऊदी अरब में अब दो नए शराब स्टोर खोलने की तैयारी की जा रही है. खास बात यह है कि सऊदी में शराब पर लगा प्रतिबंध धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक घटना के चलते लागू किया गया था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब अपने सामाजिक और आर्थिक सुधारों के तहत दहरान और जेद्दा में दो नए शराब स्टोर खोलने जा रहा है. ये स्टोर केवल गैर-मुस्लिम विदेशी नागरिकों और राजनयिकों के लिए होंगे. यह कदम पिछले वर्ष रियाद में चुपचाप खोले गए पहले शराब स्टोर के बाद उठाया जा रहा है, जो विशेष रूप से गैर-मुस्लिम राजनयिकों के लिए बनाया गया था.
नए स्टोरों की लोकेशन भी तय
सूत्रों के मुताबिक, रियाद स्थित पहले स्टोर के ग्राहकों का दायरा बढ़ा दिया गया है, जिसमें अब प्रीमियम रेजिडेंसी (Premium Residency) धारक गैर-मुस्लिम भी शामिल हैं. यह रेजिडेंसी उन उद्यमियों, उच्च निवेशकों और प्रतिभाशाली व्यक्तियों को दी जाती है, जिन्हें सऊदी में विशेष दर्जा प्राप्त है.
रियाद का पहला शराब स्टोर खुलने से पहले देश में शराब प्राप्त करने का एकमात्र तरीका राजनयिक मेल, ब्लैक मार्केट या घर पर तैयार की गई शराब हुआ करती थी. खाड़ी के अन्य देशों कुवैत को छोड़कर में विभिन्न नियमों के साथ शराब की उपलब्धता पहले से ही है.
क्यों लगा था शराब पर प्रतिबंध?
बहुत कम लोग जानते हैं कि सऊदी अरब में शराब पर प्रतिबंध धार्मिक निर्णय का परिणाम नहीं था. वर्ष 1952 में एक दर्दनाक घटना ने पूरे देश की नीति बदल दी थी. उस समय के राजा अब्दुलअजीज के पुत्र ने नशे की हालत में एक ब्रिटिश राजनयिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना ने देश में भारी राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव पैदा कर दिया, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से शराब पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया. आज, जब सऊदी अरब तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, सामाजिक बदलावों की इस कड़ी में शराब के सीमित और नियंत्रित प्रवेश को भी उसी परिवर्तन का हिस्सा माना जा रहा है.