SCO शिखर सम्मेलन पर पूरी दुनिया की टिकी रही नजर! मोदी, शी और पुतिन एक साथ; देखते रह गए शरीफ

प्रधानमंत्री मोदी सात साल बाद पहली बार चीन पहुंचे. शनिवार को एससीओ की 25वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए वह तियानजिन आए. उन्होंने शी जिनपिंग के साथ रविवार को द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं ने सीमा तनाव के बावजूद संबंध सुधारने पर जोर दिया.

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Courtesy: Social Media

SCO Summit: चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन ने वैश्विक मंच पर एक मजबूत संदेश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकातों ने दुनिया का ध्यान खींचा. तीनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाए, खुलकर बात की और तस्वीरें खिंचवाईं. यह एकजुटता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के खिलाफ स्पष्ट संदेश थी.

प्रधानमंत्री मोदी सात साल बाद पहली बार चीन पहुंचे. शनिवार को एससीओ की 25वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए वह तियानजिन आए. रविवार को उन्होंने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं ने सीमा तनाव के बावजूद संबंध सुधारने पर जोर दिया. भारत और चीन ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने के लिए निवेश और व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने का फैसला किया. यह कदम ट्रंप के व्यापार युद्ध को जवाब देने की दिशा में महत्वपूर्ण है.

मोदी, शी और पुतिन की गर्मजोशी  

शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन मोदी, शी और पुतिन की मुलाकात ने सुर्खियां बटोरीं. तीनों नेताओं ने न केवल हाथ मिलाए, बल्कि खुलकर बातचीत की और तस्वीरें खिंचवाईं. यह सिर्फ औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एकजुटता का प्रतीक थी. यह दर्शाता है कि ये देश अमेरिकी नीतियों के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं. ट्रंप के टैरिफ और प्रतिबंधों के खिलाफ ये नेता साझा हितों पर एकजुट हो रहे हैं. सबसे चर्चित पल था मोदी और पुतिन की एक साथ कार सवारी. पुतिन, जो अपनी कड़ी सुरक्षा के लिए जाने जाते हैं, शायद ही कभी ऐसे अनौपचारिक दृश्यों में दिखते हैं. दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की तारीफ की. मोदी ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहे. यह मुलाकात ट्रंप के भारत पर रूस से तेल खरीदने के आरोपों के बीच और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

पश्चिम पर शी और पुतिन का निशाना  

शी जिनपिंग ने कुछ देशों के 'धमकाने वाले व्यवहार' की निंदा की, जो अमेरिका की ओर इशारा था. वहीं, पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के लिए पश्चिम को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने अपने भाषण में रूस के कदमों का बचाव किया. दोनों नेताओं ने ट्रंप की नीतियों के खिलाफ एकजुट होने का संदेश दिया. शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और मोदी एक ही कमरे में मौजूद थे. यह मई 2025 के सैन्य संघर्ष के बाद पहला मौका था. एक वायरल वीडियो में मोदी, पुतिन के साथ शरीफ के पास से गुजरते दिखे, जबकि शरीफ उन्हें घूरते रहे. यह दृश्य भारत-पाक तनाव को दर्शाता है. एससीओ शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है. इसमें आधा टैरिफ रूस से तेल खरीदने के लिए है. ट्रंप का आरोप है कि भारत यूक्रेन युद्ध को वित्तीय मदद दे रहा है. चीन और रूस भी ट्रंप के टैरिफ और प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं. इस बीच, मोदी ने ट्रंप के फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया, लेकिन पुतिन से दो बार बात की और चीन की यात्रा की. एससीओ शिखर सम्मेलन ने दिखाया कि भारत, चीन और रूस वैश्विक मंच पर एक नया समीकरण बना रहे हैं. ट्रंप की नीतियों के खिलाफ ये देश एकजुट हो रहे हैं. यह शिखर सम्मेलन न केवल कूटनीतिक था, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव का संकेत भी देता है.  
 

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