भारत पाकिस्तान तनाव के बीच बंद कमरे में आज होगी UNSC की बैठक, ग्रीस करेगा अध्यक्षता

UNSC आज यानी 5 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चर्चा के लिए एक सीक्रेट बैठक करने वाली है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दक्षिण एशिया के इन दो परमाणु-संपन्न देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया.

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Courtesy: Social Media

UNSC Meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) आज यानी 5 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चर्चा के लिए एक सीक्रेट बैठक करने वाली है. इस बैठक की खास बात यह है कि इसे आयोजित करने के लिए पाकिस्तान ने अपील की थी. 

पाकिस्तान जो वर्तमान में यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है, उसने इस मुद्दे पर बंद कमरे में चर्चा की मांग की है. इस बैठक के लिए परिषद की अध्यक्षता ग्रीस कर रहा है. यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, सोमालिया, पनामा और पाकिस्तान जैसे गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं.

ग्रीस कर रहा बैठक की अध्यक्षता

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दक्षिण एशिया के इन दो परमाणु-संपन्न देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि और यूएनएससी के मई माह के अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने कहा कि हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं. यदि दोनों देशों के बीच तनाव पर चर्चा के लिए अनुरोध आता है, तो यह बैठक तनाव कम करने और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर हो सकती है. उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हुए पहलगाम हमले को जघन्य करार दिया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

एस जयशंकर ने ग्रीस के विदेश मंत्री से की बात 

हमले के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने त्वरित कूटनीतिक कदम उठाए. उन्होंने चीन और पाकिस्तान को छोड़कर यूएनएससी के सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से बात की और हमले के दोषियों, समर्थकों और योजनाकारों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर जोर दिया. जयशंकर ने ग्रीस के विदेश मंत्री जॉर्ज गेरापेट्राइटिस के साथ भी चर्चा की, जिसमें ग्रीस ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन किया. सेकेरिस ने कहा, “आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है, और हम हर जगह इसके खिलाफ हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चिंता का विषय है, क्योंकि दोनों बड़े और महत्वपूर्ण देश हैं. भारत ने लगातार सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया है, और इस बैठक में इस पर गहन चर्चा की उम्मीद है. यह बैठक क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि वैश्विक समुदाय इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है.
 

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