Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्र पर जानें पूजा में उपयोग किए जाने वाले कलश, पुष्प समेत अन्य समाग्रियों का महत्व

Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्र की शुरूआत 15 अक्टूबर से होने वाली है, जिसके लिए हर घर में सफाई के साथ-साथ माता के स्वागत के लिए अनेक सामाग्री लाने की तैयारी हो रही है. बता दें कि इस बार मां हाथी पर सवार होकर आ रही है. कहा जाता है कि इसकी सवारी अधिक फलदाई होती […]

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Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्र की शुरूआत 15 अक्टूबर से होने वाली है, जिसके लिए हर घर में सफाई के साथ-साथ माता के स्वागत के लिए अनेक सामाग्री लाने की तैयारी हो रही है. बता दें कि इस बार मां हाथी पर सवार होकर आ रही है. कहा जाता है कि इसकी सवारी अधिक फलदाई होती है. माता की असीम कृपा अपने भक्तों पर बरसने वाली है. वहीं क्या आप जानते हैं कि पूजा में उपयोग किए जाने वाले अन्य समाग्रियों का महत्व क्या है, नहीं तो हम आपको बताते हैं.

जल का महत्व

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करते वक्त जल देने की परम्परा है. जिसमें ध्यान रखने की बात ये है कि, जो भी जल आप दे रहे हैं, उस जल में गंगाजल की बूंद जरूर मिलाएं. वहीं अगर संभव हो तो गंगाजल का ही उपयोग करें.

कलश का महत्व

वहीं कलश की बात करें तो इसकी स्थापना शुभ मुहूर्त में करना चाहिए. जबकि माता की उपासना करने के लिए तांबा का निर्मित कलश, स्वर्ण, चांदी का प्रयोग शुभ माना गया है. हालांकि मिट्टी के कलश सर्वोत्तम होते हैं, ये कलश शुद्धता के साथ- साथ पवित्र होता है.

रंगोली का महत्व

मां दुर्गा की पूजा करते वक्त जो आप रंगोली बनाते हैं. जिसमें आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि, देवी दुर्गा की पूजा के लिए अलग से आसन लगाएं एवं चौक वाले स्थान पर रंगोली बनाएं. इसके साथ ही उसी जगह पर कलश स्थापना करने के साथ अखंड ज्योति जलानी चाहिए. इस दरमियान हवन, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्यार्पण सारे जल का प्रयोग करना चाहिए.

चंदन का महत्व

माँ दुर्गा की पूजा में लाल रंग के चंदन का ही प्रयोग करना चाहिए. अगर आप रोली का प्रयोग कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका रंग भी लाल होना चाहिए. लाल रंग की हर वस्तु मां भगवती को बहुत पसंद हैं.

अक्षत का महत्व

नवरात्रि के पूजन के लिए अक्षत का प्रयोग विशेष माना जाता है. परन्तु इस बात का ध्यान रहे कि अक्षत का प्रयोग बड़ी ही सावधानी से होनी चाहिए. इसके लिए आप जो भी चावल ले रहे हैं तो, ध्यान रखें कि चावल का दाना किसी प्रकार से टूटा नहीं हो. इसके साथ पूजा में उपयोग से पूर्व चावल को धोकर रख लें, इसके बाद ही उपयोग में लाएं

पुष्प का महत्व

नवरात्र में माँ दुर्गा की पूजा करने के लिए पुष्प का उपयोग विशेष है. जिसके लिए बता दें कि, देवी को लाल रंग अधिक प्रिय है. वहीं लाल रंग का पुष्प ही देवी को अर्पित करना चाहिए. जबकि मां दुर्गा को गुड़हल के साथ-साथ कमल, गुलाब, गेंदा का फूल चढ़ा सकते हैं. परन्तु सारे फूलों का रंग लाल होना चाहिए. जबकि शास्त्रों के मुताबिक कनेर, मदार का पुष्प, धतूरा वर्जित माना जाता है.

धूप का महत्व

माँ दुर्गा की पूजा के लिए धूप को विशेष माना गया है. इसके लिए पूजा के वक्त धूप दानी में पहले अंगारे को रखें. इसके बाद उसमें कुछ हवन सामग्री छिड़कें. वहीं अंगारों पर मिश्रण छिड़क कर पूरे घर में धूप दिखाएं. जिससे आपके घर की सारी नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाएगी.

दीपक का महत्व

माँ दुर्गा की पूजा में दीपक विशेष है, जबकि बिना दीपक के मां भगवती की पूजा अधूरी मानी जाती है. वहीं नवरात्रि के वक्त में गाय के घी का दीपक ही जलाना चहिए. परन्तु कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता है तो, आप तिल के तेल का उपयोग कर सकते हैं.

नैवेद्य का प्रयोग

मां की पूजा करते वक्त भोग लगाना जरूर है, नवरात्र में मां दुर्गा को नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए. इसके अतिरिक्त फल का उपयोग भी जरूरी हैं. साथ ही हलवा, मेवा, मावा, लाल रंग की मिठाई आदि का भोग भी आप लगा सकते हैं. अगर आप इन सारे चीजों को घर में ही तैयार करते हैं तो, ये और अच्छी बात है.