क्यों मनाया जाता है विश्व सुसाइड रोकथाम दिवस? जानें क्या कहते हैं असली आंकड़े

इस साल WHO ने '40 सेकंड्स ऑफ़ एक्शन' अभियान शुरू किया है. इसका लक्ष्य लोगों को आत्महत्या रोकथाम के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है. यह अभियान बताता है कि हर व्यक्ति की छोटी सी कोशिश जीवन बचा सकती है.

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Courtesy: Social Media

World Suicide Prevention Day: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (WSPD) आज के दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है. यह दिन आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने की जरूरत पर जोर देने के लिए समर्पित है. अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ (IASP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से इस वैश्विक पहल का आयोजन होता है. WHO के अनुसार, हर साल 7 लाख से अधिक लोग आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवाते हैं. यह नुकसान परिवारों, समुदायों और समाज को गहराई से प्रभावित करता है.

इस साल WHO ने '40 सेकंड्स ऑफ़ एक्शन' अभियान शुरू किया है. इसका लक्ष्य लोगों को आत्महत्या रोकथाम के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है. यह अभियान बताता है कि हर व्यक्ति की छोटी सी कोशिश जीवन बचा सकती है. यह जागरूकता फैलाने और समाज को एकजुट करने का प्रयास है.

भारत में आत्महत्या रोकथाम के प्रयास

भारत सरकार ने आत्महत्या रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) के तहत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे जोखिमग्रस्त लोगों की पहचान कर सकें. राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन भी शुरू की गई है, जो संकट में फंसे लोगों को तुरंत सहायता देती है. ये कदम जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक को कम करने में मदद कर रहे हैं.

वैश्विक स्तर पर आत्महत्या रोकथाम

जापान: जापान ने 2006 से आत्महत्या दर में 35% की कमी की है. आत्महत्या प्रतिकार अधिनियम और सामुदायिक सहयोग के जरिए यह सफलता मिली है. हॉटलाइन और परामर्श सेवाएं भी लोगों की मदद कर रही हैं.

संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिका में 24/7 उपलब्ध 988 आत्महत्या और संकटकालीन लाइफलाइन लोगों को तत्काल सहायता देती है. इसके अलावा, 'वहाँ रहें' जैसे जागरूकता अभियान और स्कूलों में रोकथाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

आयरलैंड: आयरलैंड की 'कनेक्टिंग फॉर लाइफ' रणनीति और समैरिटन्स जैसी हेल्पलाइन आत्महत्या रोकथाम में अहम भूमिका निभा रही हैं. युवाओं और पुरुषों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति (2025-2035) और लाइफलाइन जैसी सेवाएं लोगों को संकट से उबार रही हैं. मूल ऑस्ट्रेलियाई समुदायों के लिए विशेष रणनीतियाँ बनाई गई हैं.

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