Mahakumbh: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ देखने को मिल रही है. औपचारिक शुरुआत से पहले ही 11 जनवरी से 13 जनवरी के बीच 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान किया.
अधिकारियों के अनुसार गुरुवार दोपहर तक यह ऐतिहासिक आंकड़ा दर्ज किया गया. जो साधुओं, कल्पवासियों और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों की अपार भक्ति और श्रद्धा को दर्शाता है. राज्य सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक आगंतुक शामिल होंगे. गुरुवार को ही 10 लाख कल्पवासियों सहित 30 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान में भाग लिया.
महाकुंभ के स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. जबकि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान में 1.7 करोड़ भक्तों ने हिस्सा लिया. संगम क्षेत्र में भारत की विविध सांस्कृतिक छटा देखने को मिल रही है. जहां विभिन्न जातियों, धर्मों और देशों के लोग एकजुट होकर आस्था का उत्सव मना रहे हैं. महाकुंभ को विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. जिसमें 'वसुधैव कुटुंबकम' के सिद्धांत की झलक दिखाई देती है. गंगा के रेतीले तट इस समय एक वैश्विक गांव का रूप ले चुके हैं, जहां अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, रूस, फिजी, मॉरीशस, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से तीर्थयात्री आ रहे हैं.
महाकुंभ के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए इसे 2017 में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया गया था. यह आयोजन भारत की सनातन परंपराओं और आध्यात्मिक विविधता का प्रतीक है. जो भक्ति, ध्यान और दर्शन के अनूठे अनुभव को प्रस्तुत करता है. 26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ के अवसर पर अभी करोड़ो श्रद्धालुओं की पहुंचने की उम्मीद है. इस बार 144 सालों बाद लगे इस बार के खास संयोग पर सभी लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.