Maratha Empire UNESCO: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य' को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर खुशी जताई है. यह भारत की 44वीं विश्व धरोहर संपत्ति बन गई है. इसमें 12 ऐतिहासिक किले शामिल हैं, जो मराठा साम्राज्य की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा कि हर भारतीय इस मान्यता से उत्साहित है. उन्होंने कहा कि मराठा साम्राज्य सुशासन, सैन्य शक्ति और सामाजिक कल्याण का प्रतीक है. उन्होंने सभी से इन किलों को देखने और मराठा इतिहास को जानने का आग्रह किया. यह मान्यता भारत की सांस्कृतिक विरासत का जश्न है.
मराठा सैन्य परिदृश्य में महाराष्ट्र के 11 किले शामिल हैं. विश्व धरोहर समिति के 47वें सत्र में यह फैसला लिया गया. जनवरी 2024 में भारत ने इस प्रस्ताव को भेजा था. 18 महीने की कठिन प्रक्रिया के बाद, ICOMOS के मिशन और तकनीकी बैठकों के आधार पर यह निर्णय हुआ. 20 में से 18 देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया. 59 मिनट की चर्चा के बाद इसे मंजूरी मिली. संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि यह मान्यता भारत की स्थापत्य प्रतिभा और ऐतिहासिक निरंतरता को दर्शाती है. यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाता है. यूनेस्को, विश्व धरोहर केंद्र और सलाहकार निकायों ने भारत को बधाई दी.
भारत अब विश्व धरोहर स्थलों की संख्या में विश्व में छठे और एशिया-प्रशांत में दूसरे स्थान पर है. पिछले साल असम के चराईदेव के मोइदम को यह दर्जा मिला था. भारत के 62 अन्य स्थल विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में हैं. प्रत्येक देश हर साल केवल एक स्थल का प्रस्ताव दे सकता है. मराठा सैन्य परिदृश्य की यह मान्यता भारत के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित करती है. यह किलों का नेटवर्क मराठा साम्राज्य की सैन्य दूरदर्शिता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. यह सम्मान भारत को अपनी विरासत को संरक्षित करने और दुनिया को दिखाने की प्रेरणा देता है.