अमेरिकी टैरिफ खतरे के बीच वित्त मंत्री ने जताई राहत की उम्मीद, निर्मला सीतारमण ने दिया बड़ा अपडेट

Nirmala Sitharaman on Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है. वित्त मंत्री ने माना है कि अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ का असर भारत पर पड़ेगा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पीयूष गोयल इस मामले पर फिलहाल ट्रंप प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं.

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Courtesy: Social Media

Nirmala Sitharaman on Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है. वित्त मंत्री ने माना है कि अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ का असर भारत पर पड़ेगा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पीयूष गोयल इस मामले पर फिलहाल ट्रंप प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं. जिसके बाद कुछ राहत मिलनी की उम्मीद है.

विशाखापत्तनम में बजट के बाद आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत अपने निर्यात की सुरक्षा के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत चल रही बातचीत के नतीजे स्पष्ट होने के बाद ही कोई फैसला लेगा. 

अमेरिका पहुंचे पीयूष गोयल

वित्त मंत्री ने कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पहले ही अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत करने के लिए अमेरिका जा चुके हैं. इस दौरान भारत के वाणिज्य मंत्री यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव से खास बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका के साथ बातचीत को किस तरह से संभालता है. जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत के हितों का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व हो. ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा के बाद से दुनिया में टेंशन का माहौल है. जानकारों का अनुमान है कि ट्रंप के इस स्टेप से वैश्विक व्यापार युद्ध शुरू हो जाएगा. 

टैरिफ वॉर से राहत की उम्मीद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दोहराया कि पारस्परिक शुल्क 2 अप्रैल से उन सभी देशों के विरुद्ध लागू होंगे जो देश से उच्च कर वसूलते हैं. लेकिन भारतीय अधिकारियों ने एक ऐसे समाधान की उम्मीद जताई जो भारत को शुल्क से बचने में मदद कर सके और अंततः इस गिरावट तक एक व्यापार समझौते में परिणत हो सके. ट्रंप ने कहा कि रणनीति का उद्देश्य गैर-मौद्रिक बाधाओं, सब्सिडी और वैट प्रणालियों सहित अनुचित व्यापार प्रथाओं को संबोधित करना है.

यह दृष्टिकोण विदेशी देशों को अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क कम करने या समाप्त करने या अमेरिका में विनिर्माण संचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो अंततः इसके आर्थिक विकास में योगदान देता है. ट्रंप ने टैरिफ को अमेरिकी सरकार के राजस्व का स्रोत और व्यापार असंतुलन को दूर करने का एक तरीका बताया है. आयात बढ़ने के कारण जनवरी में अमेरिका का व्यापार घाटा 34 प्रतिशत बढ़कर 131.4 बिलियन डॉलर हो गया, जो एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया. विश्लेषकों का कहना है कि सोने के आयात से घाटे में वृद्धि हुई है, लेकिन डेटा से पता चलता है कि व्यवसाय भी टैरिफ से आगे निकलने की कोशिश कर रहे थे.

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