Amit shah: लोकसभा में जमकर बरसे अमित शाह, PoK को लेकर नेहरू समेत कांग्रेस को घेरा

Amit shah: केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कहा कि अगर सीजफायर तीन दिनों की देरी से हुआ होता तो आज पीओके भारत का अंग होता.

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हाइलाइट्स

  • लोकसभा में जमकर बरसे अमित शाह
  • PoK को लेकर नेहरू समेत कांग्रेस को घेरा

Amit shah: संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज यानि बुधवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 को पेश किया. जिसे लोकसभा ने पारित कर दिया है. इन विधेयकों पर सदन में चर्चा करते हुए शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना कुछ लोगों को रास नहीं आया है.

शाह ने आगे  कहा  कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की गलतियों के कारण ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) बना है. उनके रहते हुए सालों तक कश्मीर को भुगतना पड़ा. जब हमारी सेना जीत रही थी तब पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और और पीओके का जन्म हुआ. 

शाह ने आगे कहा....

केन्द्रीय मंत्री ने आगे जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कहा कि अगर सीजफायर तीन दिनों की देरी से हुआ होता  तो आज पीओके भारत का अंग होता. इस मामले को संयुक्त राष्ट के समक्ष ले जाया गया जो एक बड़ी गलती है. शाह के इस बयान के बाद कांग्रेस सदन में जमकर हंगामा करते हुए कड़ी आपत्ति जताई. 

कांग्रेस सांसदों का सदन से वॉकआउट 

शाह ने निशाना साधते हुए आगे कहा कि अगर गुस्सा होना है तो मुझपर नहीं, नेहरू पर हों. जिस पर कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. 

शाह ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां 

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने सदन में चर्चा के दौरान केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी सामने रखा. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में जम्मू-कश्मीर में जमकर परिवर्तन हुआ है. केंद्र सरकार राज्य में सभी व्यक्तियों का 5 लाख तक के इलाज का खर्च उठाती है. 

2024 में सत्ता में फिर आएगी मोदी सरकार 

शाह ने सदन में आगे बोलते हुए कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में वापसी करेगी. जिसके बाद 2026 तक जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी.