गर्मियों में सेहत ही नहीं त्वचा की भी देखभाल करेगी छाछ, जानिए कैसे चेहरे पर कैसे लगाएं

छाछ का नाम आते ही खट्टी नमकीन छाछ का स्वाद जुबान पर आ जाता है। खासकर गर्मियों में बटरमिल्क यानी छाछ को सेहत के लिए काफी फायदेमंद कहा जाता है। ये ना केवल शरीर में पानी की कमी दूर करती है बल्कि सेहत को भी कई सारे फायदे करती है। इसकी खास बात ये है […]

Date Updated
फॉलो करें:

छाछ का नाम आते ही खट्टी नमकीन छाछ का स्वाद जुबान पर आ जाता है। खासकर गर्मियों में बटरमिल्क यानी छाछ को सेहत के लिए काफी फायदेमंद कहा जाता है। ये ना केवल शरीर में पानी की कमी दूर करती है बल्कि सेहत को भी कई सारे फायदे करती है। इसकी खास बात ये है कि ये त्वचा के लिए भी बहुत कारगर साबित होअगर नैचुरली तरीके से स्किन की देखभाल करनी है और उसे गर्मी से बचाना है तो छाछ बहुत ही काम आती है। ये ना केवल आपकी त्वचा को पोषण देगी, बल्कि त्वचा को नमी देते हुए इसे गर्मी की सभी दिक्कतों से प्रोटेक्ट करने में हैल्प करेगी।

पिंपल और एक्ने खत्म करने में का्रगर है छाछ
स्वाद में खट्टी छाछ फर्मेंटेड पेय की तरह काम करती है और ये ढेर सारे प्रोबायोटिक्स से लैस होती है जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत इस समय स्किन को होती है। अगर आपको हैल्दी और स्वस्थ त्वचा चाहिए तो रोज आपको अपनी डाइट में छाछ को शामिल करना होगा। इसके प्रोबायोटिक्स आपके शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकाल देंगे जिससे आपकी पाचन क्रिया तो मजबूत होगी ही, साथ ही आपकी स्किन को भी खुलकर सांस लेने का मौका मिलेगा। छाछ के सेवन से पेट की गर्मी शांत होती है और इसकी वजह से त्वचा पर निकलने वाले पिंपल और एक्ने भी खत्म हो जाते हैं।

नैचुरल क्लींजर का काम करती है छाछ
गर्मी के मौसम में कैमिकल युक्त क्लींजर से चेहरा साफ करने की बजाय अगर आप छाछ की मदद लेंगे तो आपको ज्यादा फायदा होगा। छाछ दरअसर एक नैचुरल क्लींजर की तरह काम करती है। छाछ को लगाने से त्वचा के पोर्स में जमेृी इम्प्यूरिटीज और गंदगी बाहर निकाल जाती है। इतना ही नहीं इसके इस्तेमाल से चेहरे की डेड स्किन सेल्स को रिमूव किया जा सकता है। छाछ के इस्तेमाल से चेहरे पर परेशानी का सबब बन रही बैक्टीरियल ग्रोथ को भी रोका जा सकती है। छाछ में मौजूद एस्ट्रिजेंट प्रॉपर्टी और लैक्टिक एसिड त्वचा के भीतर तक जाकर डीप क्लींजिंग करती है जिसकी मदद से त्वचा को नैचुरली निखरने का मौका मिलता है और त्वचा गर्मी के मौसम में भी खिली खिली रहती है।

छाछ में है पिगमेंटेशन दूर करने के गुण

देखा जाए तो छाछ त्वचा के लिए ब्लीचिंग एजेंट की तरह शानदार काम करती है। इसके भीतर पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड त्वचा के दाग-धब्बों से छुटकारा दिलाता है। त्वचा पर पड़ने वाले दाग धब्बे, पिगमेंटेशन के निशान और झाइयां छाछ की मदद से हल्के पड़कर गायब हो जाते है और चेहरा साफ हो जाता है।

एंटी एजिंग का काम करती है छाछ
कई बार प्रदूषण और लापरवाही के चलते चेहरे पर उम्र से पहले ही झुर्रियां और फाइन लाइन्स दिखने लगती है जिससे चेहरे उम्र से पहले ही बूढ़ा दिखने लगता है। छाछ की मदद से एजिंग के ये निशान कम होते हैं और छाछ की मालिश से ढीली लटकी हुई त्वचा में कसावट आती है औऱ लोच बढ़ती है।

सन टैनिंग दूर करती है छाछ
गर्मी में तेज धूप के चलते चेहरे पर टैनिंग हो जाती है और चेहरा सांवला हो जाता है। चेहरे पर काले काले निशान दूर करने के लिए आप छाछ की मदद ले सकते हैं। छाछ के फेस स्क्रब से सन टैनिंग के निशान गायब हो जाते हैं औऱ चेहरे की साफ रंगत वापस लौट आती है।

छाछ का फेस स्क्रब
छाछ में मुल्तानी मिट्टी बनाकर शानदार और नैचुरल फेस स्क्रब बनाया जा सकता है। इसके लिए आपको एक बाउल में छाछ लेनी होगा। इसमें थोड़ी सी हल्दी, मुल्तानी मिट्टी मिक्स कीजिए और जरा सा अखरोट का चूर्ण डाल लिजिए। इसे अच्छे से मिक्स करके स्क्रब बना लीजिए। इसे चेहरे पर चार से पांच मिनट तक राउंड मोशन में हल्के हाथ से रगड़िए और खासकर दाग धब्बों पर मलिए और इसके बाद सादे पानी से चेहरा धो लीजिए।

अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो आप मुल्तानी मिट्टी की बजाय छाछ में हल्दी औऱ चंदन पाउडर डालिए औऱ इससे अपने चेहरे को स्क्रब कीजिए। इससे आपका चेहरा बिलकुल क्लीन औऱ हाइड्रेट होगा।

छाछ और शहद का क्लींजर
शहद में छाछ मिलाकर इससे रोज अपना चेहरा क्लींज करना चाहिए। इससे दाग धब्बे दूर होते हैं औऱ चेहरे को नैचुरल मॉस्चुराइजिंग मिलती है। इससे चेहरे की रंगत साफ होती और अंदर तक जाकर स्किन एक्सफोलिएट होती है।

छाछ और मसूर की दाल का फेस पैक
अगर आपके चेहरे पर झाइयों ने डेरा डाल लिया है तो इन्हें दूर करने के लिए आपको छाछ और मसूर की दाल का फेस पैक लगाना चाहिए। मसूर दाल भिगोकर रखिए औऱ फिर इसे पीसकर पेस्ट बना लीजिए। इसमें छाछ के साथ साथ थोड़ा सा बेसन, गुलाब जल और मुल्तानी मिट्टी मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाने से झाइयां खत्म हो जाती हैं औऱ चेहरा कोमल और निर्मल सा बन जाता है।