CM Shinde: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यानी सोमवार को राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सीएम एकनाथ शिंदे ने भारी बारिश के कारण उत्पन्न विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न जिला प्रशासन और पुलिस के सभी सीनियर अधिकारियों के साथ सोमवार शाम को बैठक की. इस दौरान उन्होंने पुणे में बाढ़ जैसी स्थिति पर अपना बयान दिया. वहीं इससे पहले, सीएम शिंदे ने पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और लोगों की शिकायतें सुनीं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम शिंदे ने पिंपरी चिंचवाड़ के सांगवी और शिवाजी नगर के पाटिल एस्टेट और पुणे के सिंहगढ़ रोड इलाके के एकता नगर जैसे इलाकों का दौरा किया.
शिवाजीनगर में नागरिकों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, 'नदी के किनारे रहने वाले लोगों और 'ब्लू लाइन' (संभावित बाढ़ क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए काल्पनिक रेखा) पर आने वाली इमारतों में रहने वाले लोगों का उचित तरीके से पुनर्वास किया जाना चाहिए. इस बीच बैठक में सीएम शिंदे ने आगे कहा कि मैंने संबंधित अधिकारियों को पुणे में विभिन्न नागरिक मुद्दों का स्थायी समाधान खोजने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने रिवर फ्रंट विकास परियोजना की भी समीक्षा की और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यह परियोजना किसी भी तरह से नदी के पानी या नदी के प्रवाह को ब्लॉक न करे.
इस बीच बीते दिन रविवार को अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश और खडकवासला बांध से पानी छोड़े जाने के बीच पुणे में जलमग्न आवासीय क्षेत्र में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पुणे क्षेत्र में खडकवासला, मुलशी, पावना और अन्य बांधों से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना की सहायता से लोगों को खतरनाक क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही कहा कि नदियों और बांधों के पास खतरे वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय की और से कहा गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ, एसआरएफ और सेना की मदद ली जानी चाहिए और प्रभावित लोगों के लिए शेल्टर, भोजन, कपड़े, दवाइयां और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए. पुणे नगर निगम आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट को भी निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और शेल्टर होम में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए अधिकारियों के बीच समन्वय का आह्वान किया.