Parliament Security Breach: संसद भवन में बुधवार (13 दिसंबर) को हुई सुरक्षा चूक मामले को लेकर रानीतिक उथल-पुथल जारी. सभी दल आपस में मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. इस बीच आज यानि रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद में सुरक्षा को लेकर हुई भारी चूक को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई असाधारण घटनाओं पर आखिरकार प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उनका कहना है कि बहस की नहीं बल्कि जांच की जरूरत है और ऐसी जांच चल रही है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा" 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई असाधारण घटनाओं पर आखिरकार प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है. उनका कहना है कि संसद भवन में हुई सुरक्षा चूक मामले में बहस की नहीं बल्कि जांच की जरूरत है और ऐसी जांच जारी. वहीं इस मामले को लेकर विपक्षी दल "इंडिया अलायंस" के सभी नेता मांग कर रहे हैं कि बुधवार को संसद में क्या हुआ और वास्तव में यह कैसे हुआ, इस पर वह गृह मंत्री का एक बयान चाहती हैं और इसके लिए दबाव डालना जारी रखेंगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक बहुत ही साधारण कारण से बहस से भाग रहे हैं.
The Prime Minister has finally broken his silence on the extraordinary events in the Lok Sabha on December 13th.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 17, 2023
He says probe is needed and not debate and that such a probe is on.
All that INDIA parties are asking for and will continue to press for is a statement by the Home…
इस दौरान कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 13 दिसंबर को लोकसभा में घुसपैठियों के प्रवेश को सुविधाजनक बनाने में मैसूर के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे. बता दें, कि बुधवार को संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामा करने वाले दोनों आरोपी सागर और मनोरंजन दी के पास भाजपा संसद प्रताप सिम्हा के रिफ्रेंस वाला विजिटर पास था.
कांग्रेस नेता के बयान से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में हुई सुरक्षा चूक मामले को लेकर एक अखबार से बात करते हुए ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जरूरी है और साथ ही साथ इस केस की गहराई तक जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर जांच जारी है. केवल ऐसा करने पर ही इस मामले का समाधान मिल सकेगा. उन्होंने इस घटना की गंभीरता पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि किसी भी तरह कि राजनीति से संसद में हुई इस घटना की गंभीरता को कम नहीं आंका जाना चाहिए.