Roorkee: अदालत बना मौत का मंजर, प्यार में धोखा और सुनवाई में देरी से गर्भवती युवती परेशान

Roorkee: रूड़की की रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता ने कोर्ट के परिसर में ही जहर खा लिया, जिसके कारण परिसर में मोजूद लोगों में हड़कंप मच गया.

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हाइलाइट्स

  • दुष्कर्म पीड़िता कोर्ट परिसर में तारीख पर आई हुई थी, जो कि 4 महीनें की गर्भवती है.
  • तैय्यब नाम के लड़के ने दिया शादी के नाम पर धोखा, जिसको हिरासत में ले लिया गया है.

Roorkee: उत्तराखंड के रुड़की अदालत परिसर में कीटनाशक खाकर एक युवती ने खुद को मारने की कोशिश की है. दरअसल एक गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता ने बीते दिन यानि मंगलवार को परिसर में कीटनाशक की गोली खा ली है. जिसके बाद उसे सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया. वहीं हालत अधिक बिगड़ता देख एम्स ऋषिकेश में लड़की को भर्ती किया गया है.  

पूरा मामला 

मिली जानकारी के मुताबिक दुष्कर्म पीड़िता कोर्ट में तारीख पर आई हुई थी. वहीं उसने अदालत में गर्भपात कराने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया था. ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं की रहने वाली युवती भगवानपुर थाना क्षेत्र का है. जहां किराये के मकान में रहने वाली युवती की मुलाकात तैय्यब निवासी रोलाहेडी, थाना भगवानपुर से हुई थी.

लड़की ने आरोप लगाया है कि, तैय्यब ने उसे शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया है. जिसके बाद शादी करने से साफ तौर पर मना कर रहा है, जिसको लेकर ये मामला थाने पहुंचा. जिसके बाद पता चला कि युवती गर्भ से है. वहीं परेशान युवती ने एसएसपी से इस घटना को लेकर गुहार लगाई थी. 

पीड़िता है गर्भवती 

दरअसल एसएसपी के निर्देशानुसार पुलिस ने 21 सितंबर 2023 को भगवानपुर थाने में तैय्यब के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया. जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि पुलिस ने इस मामले में बीते 18 नवंबर को आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप-पत्र दिया था. बता दें कि पीड़िता अभी पूरे 4 महीनें की गर्भवती है, हालांकि उसने कुछ समय पहले गर्भपात कराने के लिए रुड़की के रामनगर स्थित प्रथम अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका दायर की थी. 

कीटनाशक गटका 

मिली जानकारी के अनुसार युवती बीते दिन यानि मंगलवार को पीड़िता कोर्ट की तारीख पर आई हुई थी. जहां सुनवाई के इंतजार में बैठी पीड़िता ने कीटनाशक की गोली खाली, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई. वहीं इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में बवाल मच गया. वहीं आनन-फानन में उसे सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सकों ने लगभग डेढ़ घंटे तक उसका उपचार किया. इतना ही नहीं हालत में सुधार न देखकर  पीड़िता को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है.

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